विवेक चौबे
गढ़वा। जिले के कांडी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत हरिहरपुर पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना में घूसखोरी की सूचना पर उपायुक्त राजेश कुमार पाठक ने टीम गठित कर जांच करायी। गठित जांच टीम में मझिआंव अंचलाधिकारी अमरेन डांग, प्रखंड विकास पदाधिकारी बरडीहा नंदजी राम, केतार प्रखंड विकास पदाधिकारी नितेश भास्कर, डीसी के एसओडी चंद्रजीत सिंह शामिल थे। टीम ने हरिहरपुर पंचायत के हरिहरपुर, बत्तो खुर्द, डगर व रपुरा गांव में जाकर आवास लाभुकों से रिश्वतखोरी की जांच की।
टीम के सदस्यों ने लाभुकों से पूछा कि आवास का लाभ लेने के लिए अगर आपसे किसी ने रिश्वत मांगी हो या रिश्वत ली हो तो बताएं। उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। उसपर अलग-अलग गांवों में कई लाभुकों ने रिश्वत देने से इनकार किया तो कई लाभुकों ने रिश्वतखोरी की पुष्टि की। हरिहरपुर के डीहटोला निवासी राजेंद्र चौधरी की पत्नी अवंति देवी ने जांच टीम को बताया कि पांच रुपये सैकड़ा सूद पर ऋण लेकर पीएम आवास के लिए बतौर रिश्वत प्रखंड से जुड़े स्वयं सेवक, पंचायत सेवक व जनप्रतिनिधि को दस हजार सात सौ रुपये दी हूं। इसके बाद महेंद्र प्रजापति ने भी पीएम आवास के कम्प्यूटर ऑपरेटर को पांच हजार रुपये देने की बात कही।
उसी गांव के श्यामबिहारी पासवान ने स्वयंसेवक राकेश पासवान को साढ़े सात हजार रिश्वत देने की बात जांच टीम के सामने कही। उसने कहा कि मुझसे दस हजार रुपये की मांग की गयी था। जांच टीम ने आवास जांच के क्रम में पाया कि हरिहरपुर के राम प्रवेश शर्मा को दो किस्त की राशि भुगतान हो चुकी है, परंतु अभी तक डोर लेबल का काम नहीं हुआ है।
हरिहरपुर के मोहम्मद इश्लाम, सुदामा चंद्रवंशी आदि ने बताया कि आवास का लाभ लेने के लिए किसी को रिश्वत नहीं दिया है। जांच टीम की सूची में नाम नहीं होने से नाराज रीता देवी, अनिता देवी, चम्पा देवी, आशा देवी, नन्हबीर साह, चुल्हाई साह सहित कई लोगों ने नाराजगी जाहिर की। इसके पहले उपायुक्त ने कांडी प्रखंड मुख्यालय में उक्त पदाधिकारियों के साथ बैठक कर अलग-अलग जांच टीम गठित की। उनको निर्देश देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में डोर टू डोर जाकर रिश्वतखोरी की वास्तविक जांच होनी चाहिए।