
पटना। बिहार की राजनीति को न जानें किसकी नजर लग गयी है। रोज अजीबो गरीब घटनाएं सामने आ रही हैं।
नीतीश सरकार के अफसरों की तानाशाही को वर्षों से झेलते-झेलते समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी इतने परेशान हो गये कि उन्होंने अपना इस्तीफा ही दे डाला। उन्होंने कहा कि सब कुछ अब बर्दाश्त के बाहर हो रहा है, मेरे महकमे में अधिकारी तो छोड़ दीजिए, चपरासी तक मेरी बात नहीं मानते। इसलिए अब मंत्री पद छोड़ना ही एकमात्र विकल्प है।
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने ही मुझे पहचान दी है, इसलिए मैं जदयू नहीं छोडूंगा पार्टी में रहकर ही काम करता रहूंगा। यहां बता दें कि ये पूरा मामला 134 बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (सीडीपीओ) के तबादले से जुड़ा है।
मंत्री जी का कहना था कि सूची में जिनके नाम दर्ज हैं, वे सभी तीन वर्ष से अधिक समय से एक जगह पर जमे हैं। उनके स्थानांतरण के लिए कई बार फाइल को विभाग के अपर मुख्य सचिव के पास भेजा गया, लेकिन वह ऐसे ही वापस लौट आई। केवल 18 का ही तबादला हुआ।
बता दें कि समाज कल्याण मंत्री को जिन 134 सीडीपीओ के अधिकारियों के तबादले नहीं होने पर गुस्सा है, वह फाइल अब विभाग के अपर मुख्य सचिव के दफ्तर से मुख्य सचिव के पास पहुंच गई है। मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने कहा कि अध्ययन के बाद आगे निर्णय लिया जायेगा।