कोरोना वायरस के लगातार बदल रहे वैरिएंट के बीच यह खबर राहत भरी है। ब्रिटेन में कोविड संक्रमण से बचाव के लिए अलग-अलग ब्रैंड के दो टीके लगाने के बेहतर नतीजे मिले हैं।
फाइजर और एस्ट्राजेनेका की दो-दो डोज दिए जाने के बाद नतीजे देखे गए। अध्ययन में किसी एक ब्रैंड की वैक्सीन की पहली डोज के बाद दूसरी डोज के लिए दूसरे ब्रैंड की वैक्सीन को आजमाया गया। अध्ययन के अनुसार, ये सभी तरीके कारगर दिखे। इनके जरिये प्रतिरोधक तंत्र मजबूत हुआ। कहा जा रहा है कि ये जानकारी मिलने के बाद टीके लगाने के मामले में पेचीदगियां और कम हो सकती हैं। मिलने के बाद टीके लगाने के मामले में पेचीदगियां और कम हो सकती हैं।
हालांकि ब्रिटिश स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि चूंकि वैक्सीन की सप्लाई ठीक ठाक है और ये लोगों की जान बचा रही है, इसलिए उनके देश में फिलहाल एक ही वैक्सीन की डोज दिए जाने के कामयाब तरीके को बदलने का कोई कारण नहीं है। उनका कहना है कि जिन देशों में वैक्सीन आपूर्ति को लेकर दिक्कतें हैं, वहां इसे आजमाया जा सकता है। कुछ देशों में वैक्सीन की डोज मिक्स करके दी जा रही हैं।
स्पेन और जर्मनी में जिन युवाओं ने पहली डोज एस्ट्राजेनेका की ली है, उन्हें फाइजर की दूसरी डोज दी जा रही है। एस्ट्राजेनेका वैक्सीन लगाए जाने के बाद खून के थक्के जमने के दुर्लभ मामले आने के बाद ऐसा किया गया।