प्रशांत अंबष्ठ
बोकारो। जिले के स्वांग क्षेत्र में पति की लंबी उम्र और बेहतर स्वास्थ्य के लिए महिलाओं ने वट सावित्री की गुरुवार को पूजा की। कथावाचक गोमिया के 80 वर्षीय आचार्य श्यामलाल पांडेय ने महिला श्रद्धालु भक्तों को वट सावित्री की कथा सुनायी। बताया कि वट वृक्ष में कलश स्थापना कर सर्वप्रथम गणेश पूजा, नवग्रहों की पूजा, सती सतावन एवं वट सावित्री की पूजा की जाती है। फल फूल एवं श्रृंगार के समान अर्पित किए जाते हैं। सुहागिन महिलाएं मौली धागा से वट वृक्ष के 108 बार परिक्रमा करती है। खीरा के मूंदी पर काजल बनाने के बाद अपने पति एवं संतानों की लंबी आयु के लिए काजल लगाती है।
आचार्य ने बताया कि वट वृक्ष के जड़ की पूजा भगवान ब्रह्मा जी के स्वरूप के रूप में किया जाता है। मौली धागा से वृक्ष की तने को लपेटते हुए परिक्रमा भगवान विष्णु के लिए की जाती है। वटवृक्ष के पत्तों को भगवान शंकर का स्वरूप मानकर सुहागिन महिलाएं पत्तों से अपने पति पर डोलाती है। पैर छूकर अपने पति से आशीर्वाद लेती है। आचार्य ने पूरी कथा सुनाने के बाद कहा कि सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु एवं उत्तम स्वास्थ्य की कामना के लिए परंपरागत तरीके से वट वृक्ष की सर्वत्र पूजन करती आ रही है।
गोमिया प्रखंड के विभिन्न इलाकों में सुहागिनों द्वारा अपने पति की दीर्घायु के लिए वट सावित्री पूजा धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ की गयी। इस दौरान हजारी मोड़, स्वांग वन बी, गोमिया मोड़, सिनेमा हॉल, कोठीटाड़, आईईएल, साडम, होसिर, स्वांग शिव मंदिर, खुदगड़ा, खुदगड़ा महतो अहरा के समीप, कसवागढ़, गोमिया ब्लॉक के समीप, गवर्नमेंट कॉलोनी, सेवा सदन अस्पताल के समीप, सिनेमा हॉल, गोमिया हाई स्कूल, पड़रिया, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोमिया के समीप, गंधुनिया अहरा के समीप, स्टेशन रोड, पुराना माइनस सहित गोमिया के विभिन्न इलाकों में वट सावित्री की पूजा की गई। सावित्री सत्यवान की अमर कथा सुनी गयी।