जलवायु परिवर्तन के कारण ग्रीन लैंड पिघलने से 7 मीटर तक बढ़ जाएगा समुंद्र का लेवल

झारखंड
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  • पारिस्थितिकी तंत्र की पुनर्बहाली विषय पर IWWA के रांची सेंटर ने की परिचर्चा

रांची। मुख्य वन संरक्षक (सेवानिवृत) एसके सिन्हा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण अगर ग्रीन लैंड पिघल जाए तो समुंद्र तल का लेवल 7 मीटर तक बढ़ जाएगा। इसकी वजह से कई छोटे देश या मुंबई जैसा शहर समुंद्र में डूब जाएंगे। वे 5 जून को विश्‍व पर्यावरण दिवस पर Indian Ware Works Association (IWWA) के रांची सेंटर के तत्वावधान में जूम के माध्यम से आयोजित परिचर्चा में बतौर मुख्‍य वक्‍ता बोल रहे थे। इसका विषय ‘पारिस्थितिकी तंत्र की पुनर्बहाली‘ था। इसमें कई अन्‍य विशेषज्ञ वक्ताओं ने अपनी बातें रखीं।

पेयजल विभाग के सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता उमेश मेहता सह IWWA के वर्तमान चेयरमैन ने प्रतिभागियों का अभिनंदन किया। उन्होंने बताया कि पारिस्थितिकी तंत्र की पुनर्बहाली का अभिप्राय शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने, उसे हरा भरा करने, प्रदूषण को कम करने, तालाबों का पुनरूद्धार करने, नदियों की सफाई कर उसे प्रदूषण मुक्त करने आदि से है।

पेयजल विभाग के सेवानिवृत अभियंता प्रमुख शर्देंदु नारायण ने कहा कि ग्‍लोबल वार्मिंग की वजह से कुछ दिन पूर्व Worlds largest iceberg break हुआ। इससे समुंद्र के लेवल में बढ़ोतरी होगी। पर्यावरण संरक्षण नहीं होने से रांची के करन, रंगरौली, गारी जैसी नदियां विलुप्त हो गर्ह है। हरमू नदी नाला का रूप लेते हुए विलुप्त होने की स्थिति में है। इसलिए हमें पर्यावरण को बचाने की जरूरत है।

वक्‍ताओं ने कहा कि झारखंड को प्रकृति ने जल जंगल और जमीन जैसी प्रचुर संपदा से नवाजा है। हमलोगों को इसे संरक्षित कर ‘पारिस्थितिकी तंत्र की पुनर्बहाली‘ के सपना को साकार करना चाहिए। आज हम सभी लोग यह संकल्प लें कि नदी और नालों में कचरा नहीं फेंकेंगे। अपने आसपास के वातावरण को साफ और स्वच्छ रखेंगे। सभी लोग दो-दो पौधे जरूर लगाएंगे। हमारे आसपास के वातावरण अगर स्वच्छ होंगे और अत्याधिक पेड़ पौधे होगें तो हम कई बीमारियों से निजात पा सकते हैं। ऑक्सीजन भी भरपुर मात्रा में मिलेगी।

परिचर्चा में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सेवानिवृत्त मुख्‍य अभियंता रामचंद्र चौधरी, सेवानिवृत्त अभियंता प्रमुख रमेश कुमार, अभियंता प्रमुख श्‍वेताभ कुमार, सेवानिवृत्त मुख्‍य अभियंता हीरालाल प्रसाद, सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता पारसनाथ सिंह, कार्यापालक अभियंता रेयाज आलम सहित साइंस एंड टेक्‍नोलॉजी के निदेशक अरूण कुमार, बीआईटी मेसरा के प्रोफेसर सती शकुमार ने भी अपने विचार रखें। पेयजल विभाग के सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता सह IWWA के सचिव प्रमोद कुमार ने धन्‍यवाद किया।

इस साल पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कई अभियंता सृष्टिधर मोदी, मुख्य अभियंता, मुख्यालय सह मुख्य अभियंता, दुमका प्रक्षेत्र, मनोज कुमार चौधरी, कार्यपालक अभियंता, दुमका प्रमंडल, अरविंद शर्मा, रूपांकन अभियंता, सीडीओ के साथ अन्य विभागों के भी कई अभियंताओं की मौत कोरोना से हो गई। उन सभी की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया। उन्‍हें श्रद्धांजलि‍ अर्पित की गई।

कोरोना पीड़ित पदाधिकारियों ने कोरोना अवधि में प्राप्त अनुभव को साझा किया। इससे यह बात सामने आई कि अभी भी कोरोना समाप्त नहीं हुआ है। हम सभी को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अपना कार्य करना है।