प्रशांत अंबष्ठ
बोकारो। झारखंड के बोकारो जिले के बेरमो अनुमंडल के गांधीनगर थाना क्षेत्र की सीमा पर सीसीएल खासमहल कोनार परियोजना कार्यालय के समीप कुरपनिया बोकारो थर्मल मुख्य मार्ग स्थित एक पुलिया के नीचे पुलिस तथा सुरक्षा बलों की संयुक्त कार्रवाई में लगभग 15 किलो का (केन बम) लैंडमाइंस बरामद किया गया। इस लैंडमाइंस को बोकारो से आए बम निरोधक दस्ते की टीम ने पुलिया के समीप ही निष्क्रिय कर दिया। दोपहर को लगभग एक बजे ब्लास्ट कर इसे केन बम को निष्क्रिय किया गया। आपको बता दें कि पुलिस को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से माओवादियों ने इसे पुलिया के नीचे रखा था।
ब्लास्ट की आवाज 6-7 किलोमीटर दूर बोकारो थर्मल जारंगडीह तथा कुरपनाया आदि क्षेत्रों में भी सुनी गई। लैंडमाइंस मिलने की सूचना के बाद सड़क को दोनों ओर से अवरुद्ध कर दिया गया था और आवाजाही पर रोक लगा दी गई थी। पुलिस को सड़क पर स्थित पुलिया में लैंडमाइंस होने की जानकारी मिली तो बोकारो के डॉग स्क्वायड की टीम के पेपर नामक प्रशिक्षित कुत्ते ने सूंघते हुए पुलिया के नीचे लैंडमाइंस होने की जानकारी दी, जिसके बाद बम निरोधक दस्ते की टीम ने सावधानीपूर्वक उस बम को निकाला।
बम निरोधक दस्ते के साथ एसडीपीओ व सीआरपीएफ के कमांडेंट समेत अन्य पुलिस अधिकारी बम को एक केन में हरे रंग के थैले में भरकर वहां रखा गया था और उस बम से डेटोनेटर तार को कनेक्ट कर रखा गया था। माओवादी द्वारा किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए इस पुलिया के नीचे केन बम छिपाकर रखा गया था। इस संबंध में बेरमो के एसडीपीओ सतीश चंद्र झा ने बताया कि पुलिस को एक पुलिया के नीचे लैंडमाइंस होने की सूचना मिली थी। जिसके बाद सीआरपीएफ के बम निरोधक दस्ते तथा डॉग स्क्वायड के साथ इसकी खोजबीन की गई तो पुलिया के नीचे से केन बम बरामद हुआ है। केन बम को टीम द्वारा निष्क्रिय कर कर दिया गया है..
आसपास के क्षेत्रों में भी सर्च अभियान चलाया गया है, मुख्य सड़क में जितने पुल-पुलिए हैं उसमें सर्च अभियान चलाया जाएगा। मालूम हो कि वर्ष 2006 में नक्सलियों ने खासमहल परियोजना स्थित सीआईएसएफ के कैंप में हमला कर हथियार लूटने का काम किया था। जिसमें दो सीआईएसएफ जवान सहित कुल छह लोगों की मौत हुई थी। अभियान में एसडीपीओ सतीश चंद्र झा के अलावा सीआरपीएफ के केवाईसी नारायण बलायूं, 26वीं बटालियन के एसी शिबू मलिक, सीआईएसएफ की डीसी रति इंदौरा, गांधीनगर थाना के एएसआई संजय कुमार सिंह सहित सशस्त्र बल के जवान शामिल थे।