पुलिस हिरासत में युवक की मौत, घर के बाहर शव छोड़ भागी पुलिस, जाने फिर क्या हुआ

अपराध झारखंड
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गढ़वा। झारखंड के गढ़वा जिला अंतर्गत भंडरिया पुलिस ने रविवार की सुबह हिरासत में लिए गये नौका गांव के भुरकादोहर टोला निवासी 45 वर्षीय कृपाल मांझी उर्फ पाला की कथित रूप से पुलिस हिरासत में मौत हो गयी। बताया गया कि कृपाल की मौत के बाद पुलिस ने उसे आनन-फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, भंडरिया में भर्ती कराया। जहां चिकित्सकों ने इलाज कर रेफर कर दिया, इसके बाद पुलिस शव का पोस्टमार्टम कराने की बजाये 2-3 घंटे में ठीक हो जाने की बात कहकर मृतक के घर के बाहर चबूतरे पर शव को रख दिया गया। पुलिस द्वारा शव पहुंचाये जाने की खबर गांव में आग की तरह फैल गयी, धीरे-धीरे ग्रामीणों के जमा होने पर दबाव बढ़ता देख पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए गढ़वा भेजा।

ग्रामीणों का आरोप है कि घटना के बाद पुलिस ने मृतक के परिजनों से आधा दर्जन सादे कागज में हस्ताक्षर भी करा लिया है। परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया है, घटना की जानकारी देते हुए मृतक की पुत्री सरिता कुमारी एवं आनंदी सिंह ने बताया कि उनके पिता सुबह जंगल से लौटकर नास्ता कर घर में बैठे हुए थे, इसी दौरान सुबह करीब 9 बजे थाना के एसआई विपिन वर्मा व चौकीदार योगेंद्र बैठा पुलिस बल के साथ पहुंचे और पूछताछ करने की बात कहकर उनके पिता को अपने साथ थाना ले गये।लेकिन, पुलिस ने घरवालों को थाना ले जाने का कोई कारण नहीं बताया।

परिजनों ने बताया कि थाना जाते समय उसके पिता स्वस्थ थे। पुलिस द्वारा उसके पिता को ले जाने के करीब दो घंटे बाद पुलिस ने तबीयत खराब होने की सूचना दी। सूचना के बाद घरवाले थाने गये, तो वे बेहोशी की हालत में पड़े हुए थे। ग्रामीणों ने बताया कि मृतक का कोई भी आपराधिक इतिहास नही है, वह मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था।

मिर्गी का दौरा बता रही है पुलिस
घटना के बाद मृतक के परिजनों को पुलिस ने बताया कि उसे मिर्गी का दौरा पड़ा था, इसके बाद उसकी मौत हो गयी है। लेकिन, परिजन सहित अन्य ग्रामीणों ने कहा कि मृतक को पूरे जीवन में कभी मिर्गी का दौरा नहीं पड़ा है। फिर अचानक मिर्गी की यह बीमारी होने का कोई मतलब नहीं है। ग्रामीणों का आरोप है कि घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग से लेकर पूरा प्रशासनिक महकमा मामले की लीपापोती करने के साथ इसे सामान्य मौत बताने की कोशिश में जुटा हुआ है। मौत के बाद बिना पोस्टमार्टम के शव को घर के बगल के चबूतरे में रखना पुलिस की ओर संदेह पैदा कर रहा है जबकि मृतक के घर से थाना की दूरी महज दो किमी है। ऐसे में इतनी जल्दी तबीयत खराब नहीं हो सकता है।

मामले की जांच करायी जायेगी: एसपी
इस संबंध में गढ़वा पुलिस अधीक्षक श्रीकांत एस खोत्रे ने बताया कि पूरे मामले की जांच करायी जायेगी। जांच में जो भी मामला सामने आयेगा, उसके हिसाब से कार्रवाई की जायेगी।

उस पर किसी तरह का आरोप नहीं था, पूछताछ के लिए लाया गया था: थाना प्रभारी
इस संबंध में पूछे जाने पर थाना प्रभारी लक्ष्मीकांत ने कहा कि थाने में मौत नहीं हुई है। मृतक को कांड संख्या 34/2001 के मामले में पूछताछ के लिए लाया जा रहा था, लेकिन वह किसी भी मामले में अभियुक्त नहीं था। लाते समय ही उसकी तबीयत खराब होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के बाद पुनः उसे घर छोड़ दिया गया।

पुलिसवाले बेहोशी की हालत में लाये थे : चिकित्सा पदाधिकारी
इस संबंध में पूछे जाने पर चिकित्सा पदाधिकारी डॉ विजय किशोर रजक ने बताया कि पुलिस बेहोशी की हालत में लेकर अस्पताल पहुंची थी। इलाज के बाद उसे रेफर कर दिया गया था, बाद में पता चला कि उसकी मौत हो गयी है।