नई दिल्ली। कोविड संकट के समय भारतीय सेना ने देश के नागरिकों की सेवा करने के लिए पूर्व डॉक्टरों का आह्वान किया है। अब सेना के पूर्व डॉक्टर भारत के सभी नागरिकों के लिए ’ई-संजीवनी ओपीडी’ पोर्टल पर ऑनलाइन परामर्श सेवा के लिए उपलब्ध होंगे। नागरिक प्रशासन के अधिकांश डॉक्टरों को कोविड मरीजों के अस्पतालों में लगाए जाने की स्थिति में सेना के पूर्व डॉक्टर मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं।
सेना प्रवक्ता के अनुसार ई-संजीवनी ओपीडी भारत सरकार का प्रमुख टेलीमेडिसिन प्लेटफ़ॉर्म है जिसे सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ एडवांस कंप्यूटिंग (सी-डैक) ने विकसित किया है और यह बहुत अच्छी तरह से काम कर रहा है। यह प्लेटफॉर्म किसी भी भारतीय नागरिक को मुफ्त परामर्श प्रदान करता है। देश में कोविड मामले बढ़ने के साथ डॉक्टरों की मांग बढ़ रही है। नागरिक प्रशासन के अधिकांश डॉक्टरों को कोविड मरीजों के अस्पतालों में लगाए जाने से डॉक्टरों की कमी हो गई है। ऐसी स्थिति में सेना के पूर्व डॉक्टर मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं।
मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ की चिकित्सा शाखा सेवारत और सेवानिवृत्त रक्षा कर्मियों के लिए टेलीमेडिसिन सेवा प्रदान करता है। सेना की चिकित्सा शाखा ने देश के सामान्य नागरिक रोगियों के लिए इस ओपीडी को शुरू करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय सूचना केंद्र के साथ समन्वय किया है। आईडीएस मेडिकल के उपाध्यक्ष ने सेना के सेवानिवृत्त डॉक्टरों से इस मंच से जुड़ने और संकट के इस समय में भारत के नागरिकों को बहुमूल्य परामर्श प्रदान करने का आग्रह किया है, जब देश कठिन समय से गुजर रहा है।
इस पर सेना के सेवानिवृत्त डॉक्टरों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और जल्द ही इसमें सेना के कई सेवानिवृत्त डॉक्टरों के शामिल होने की उम्मीद है।
इसके बाद सेना के पूर्व डॉक्टरों की अलग से राष्ट्रव्यापी ओपीडी शुरू करने की परिकल्पना की गई है। सेना के डॉक्टरों के लम्बे अनुभव और विशेषज्ञता से देश के सामान्य नागरिक रोगियों को अपने घरों पर परामर्श प्राप्त करने और संकट से निपटने में मदद मिलेगी। रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार और सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक (डीजीएएफएमएस) सर्जन वाइस एडमिरल रजत दत्ता ने देश के नागरिकों की सेवा करने के लिए आगे आने वाले सेना के पूर्व डॉक्टरों का स्वागत किया है।