कोविड कार्य में प्रतिनियुक्त शिक्षकों को भी मिले प्रोत्साहन राशि : संघ

झारखंड
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रांची। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोविड से संबंधित कार्यों में प्रतिनियुक्त शिक्षकों को भी एक माह के मूल वेतन के समतुल्य प्रोत्साहन राशि देने की मांग की है। संघ के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष बिजेंदर चौबे, महासचिव राममूर्ति ठाकुर और मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने संयुक्त रूप से कहा कि‍ वैश्विक महामारी के परिपेक्ष्‍य में कोविड अस्पताल, कोविड वार्ड में कार्यरत कार्यालय और कंट्रोल रूम में प्रदेश के प्राथमिक और मध्य विद्यालय के शिक्षकों को भी प्रतिनियुक्‍त किया गया है। ऐसे में उन्‍हें भी एक माह के मूल वेतन के समतुल्य प्रोत्साहन राशि का भुगतान कि‍या जाना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि उक्त कार्य में लगे चिकित्सक, चिकित्सक कर्मियों को प्रोत्साहन राशि प्रदान दिए जाने का आदेश सरकार 1 मई को ही दे दी है।

संघ ने कहा कि कोविड-19 आपदा में जन सामान्य की सेवा में विभिन्न जिलों में प्रशासन और उपायुक्त के आदेश से काफी संख्या में शिक्षक की कोविड टेस्टिंग सेंटर, वैक्सीन सेंटर, कोविड संबंधी सेंटर, टेस्टिंग वर्क, कोवि‍ड अस्पताल, वार्ड, सिविल सर्जन कार्यालय कंट्रोल रूम, ऑक्सीजन सिलेंडर भंडारण, आइसोलेट सेंटर आदि स्थानों पर प्रतिनियुक्ति की गई है। कार्यों में प्रतिनियुक्त शिक्षक भयावह परिस्थिति में भी ईमानदारी से सेवा दे रहे हैं। तीन-तीन शिफ्ट में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई है। रात्रि पाली में भी बिना किसी साप्ताहिक अवकाश के निरंतर दस-दस घंटे सेवा दे रहे हैं। चिकित्सा संबंधी कार्यो का अनुभव नहीं रहने के बावजूद कोविड पॉजिटिव संक्रमितों के संपर्क में आने की जोखिम के बाद भी ईमानदारी के साथ ड्यूटी कर रहे हैं।

संघ ने कहा कि उक्‍त कार्य स्थलों पर प्रतिनियुक्त चिकित्सक कर्मियों के लिए सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक माह के वेतन/मानदेय के समतुल्य प्रोत्साहन राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है। स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा कर्मियों का मूल कार्य उक्त स्थानों पर कार्यों का है। चिकित्सा कर्मियों के साथ शिक्षकों की सेवा वहां लिए जाने के बावजूद शिक्षकों को उक्त लाभ से अलग रखा गया है। चिकित्सा कर्मियों के जैसा सेवा लिए जाने के बावजूद शिक्षकों को समतुल्य प्रोत्साहन राशि से वंचित रखा जाना उचित प्रतीत नहीं होता। संघ ने कहा कि विकट परिस्थिति में कोविड कार्य में प्रतिनियुक्त शिक्षकों के लिए प्रोत्साहन राशि स्वीकृति की जाय। अन्‍यथा एकबार शिक्षकों को इस विकट परिस्थिति में इस कार्य से अलग होने को मजबूर किया जाएगा।