रांची। कोरोना संक्रमण से जंग लड़ रहे पलामू के सिविल सर्जन डॉ. जॉन एफ कनेडी की गंभीर स्थिति में पटना में इलाजरत रहने की जानकारी मिलने पर हेल्थ सेक्रेटरी ने अपने निर्णय को बदल दिया है। हेल्थ सेक्रेटरी ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि पलामू के सीएस को कोविड हो गया है और वे पटना में इलाजरत हैं। हेल्थ सेक्रेटरी ने अपने नये निर्णय में सीएस को बिना बताए गायब रहने पर शोकॉज करने का निर्णय लिया है।
नये आदेश में हेल्थ सेक्रेटरी ने कहा है कि पलामू के सिविल सर्जन को सस्पेंड नहीं किया जाएगा। उन्हें केवल बिना बताए छुट्टी लेने पर शोकॉज किया जाएगा।स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी सचिव अरुण कुमार सिंह ने बताया कि उन्हें जानकारी नहीं थी कि सिविल सर्जन को कोविड हो गया है और वे हॉस्पिटल में एडमिट हैं।
दरअसल, गुरुवार को प्रभारी हेल्थ सेक्रेटरी न बिना सूचना के ड्यूटी से गायब पलामू के सिविल सर्जन डॉ जॉन एफ कैनेडी को निलंबित करने की बात कही थी। साथ ही विभागीय कार्रवाई भी करने की बात कही थी। अब उन्होंने अपना आदेश वापस ले लिया है। प्रभारी हेल्थ सेक्रटरी ने कहा कि वे (सीएस) बीमार हो गये हैं, इसकी जानकारी उन्हें नहीं थी। उन्हें इसकी जानकारी विभाग को देनी चाहिए थी। इसके लिए उन्हें शोकॉज करेंगे कि उन्होंने बीमार होने की जानकारी क्यों नहीं दी। इधर, सीएस की पत्नी नीलू मिश्रा ने बताया कि डॉ. जॉन एफ कनेडी के स्वास्थ्य में लगातार सुधार हो रहा है। उनका आक्सीजन लेबल भी सुधरा है। पटना के पारस अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।
सूत्रों की मानें, तो वे पिछले 18 अप्रैल से संक्रमित हो जाने के बाद अपना इलाज करवा रहे हैं। पलामू के डीसी शशि रंजन ने बताया कि सिविल सर्जन होने के नाते वे डिप्टी डायरेक्टर को रिपोर्ट करते हैं और फिलहाल इस पोस्ट के प्रभार में भी वे ही हैं। इसलिए उन्होंने छुट्टी का आवेदन नहीं दिया था, लेकिन बेटे की शादी में 9 अप्रैल को पलामू से पटना गये थे। वहीं संक्रमित हो जाने के कारण वे 18 अप्रैल से एक हॉस्पिटल में एडमिट हैं। सिविल सर्जन के गायब होने की शिकायत हुसैनाबाद के विधायक कमलेश कुमार सिंह ने सीएम से की थी।