नई दिल्ली। भारतीय रेलवे का लक्ष्य दिसम्बर 2023 तक अपनी पटरियों को पूरी तरह से विद्युतीकृत करने का है। वित्तीय वर्ष 2020-21 इस लिहाज से कोरोना संकट के बावजूद काफी अहम रहा है। भारतीय रेलवे ने बीते वित्तीय वर्ष के दौरान 6,015 रूट किलोमीटर (आरकेएम) को कवर करने वाले वर्गों का विद्युतीकरण कर नया रिकॉर्ड बनाया है।
रेल मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि कोविड महामारी के बावजूद वर्ष 2018-19 के 5,276 आरकेएम के रिकार्ड को पीछे छोड़ना बड़ी उपलब्धि है। 2020-21 के कठिन समय के दौरान 6000 किलोमीटर से अधिक विद्युतीकरण परियोजना के लक्ष्य को प्राप्त करना भारतीय रेलवे के लिए गर्व का क्षण है।
भारतीय रेलवे का नवीनतम ब्रॉड गेज नेटवर्क 63,949 रूट किलोमीटर (आरकेएम) है और 740 किमी के साथ कोंकण रेलवे 64,689 आरकेएम है, जिसमें से इस साल 31 मार्च तक 45,881 आरकेएम यानी 71 प्रतिशत तक हो गया है।
आयातित पेट्रोलियम आधारित ऊर्जा पर राष्ट्र की निर्भरता को कम करने और देश की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने के लिए परिवहन के पर्यावरण के अनुकूल तेज और ऊर्जा-कुशल मोड प्रदान करने की दृष्टि से हाल के वर्षों में रेलवे विद्युतीकरण पर बहुत जोर दिया गया है।
पिछले सात वर्षों (2007-14) की तुलना में (2014-21) के दौरान 5 गुना से अधिक विद्युतीकरण हासिल किया गया। 2014 से रिकॉर्ड 24,080 आरकेएम (वर्तमान ब्रॉड गेज मार्गों का 37 प्रतिशत) का विद्युतीकरण किया गया है। अब तक कुल 45,881 आरकेएम विद्युतीकृत में से, 34 प्रतिशत पिछले तीन वर्षों में विद्युतीकृत किया गया है।
भारतीय रेलवे ने भी 2020-21 के दौरान रिकॉर्ड 56 टीएसएस (ट्रैक्शन सबस्टेशन) शुरू किया है, जो कि पिछले सर्वश्रेष्ठ 42 के मुकाबले कोविड महामारी के बावजूद 33 प्रतिशत का सुधार है। पिछले सात वर्षों के दौरान कुल 201 ट्रैक्शन सब स्टेशनों को चालू किया गया है।