यांगून। म्यांमार में प्रदर्शनकारियों के कत्ले आम के बाद सेना का एक और काला पक्ष सामने आया है। शनिवार को आर्म्ड फोर्सेज डे पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों पर गोली चलवाने के बाद म्यांमार की सेना के प्रमुख मिन आंग लाइंग ने अपने जनरलों को रात में भव्य पार्टी दी। इतना ही नहीं प्रदर्शन में मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार के समय भी सेना ने हस्तक्षेप करने का प्रयास किया। प्रदर्शनकारियों पर गोली चलवाने पर वैश्विक स्तर पर म्यांमार सेना की भर्त्सना की जा रही है।
म्यांमार में इस साल फरवरी में सैन्य तख़्तापलट के बाद 27 मार्च का दिन प्रदर्शनकारियों के लिए सबसे अधिक हिंसक साबित हुआ। फरवरी से अब तक प्रदर्शन के दौरान 400 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। रविवार को कई देशों के रक्षा प्रमुखों ने एक संयुक्त बयान जारी करके म्यांमार की हिंसक सैन्य कार्रवाई की भर्त्सना की है। इस बयान में कहा गया है कि कोई भी पेशेवर फौज आचरण के मामले में अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करती है। उसकी ज़िम्मेदारी अपने देश के लोगों को नुकसान पहुंचाने की नहीं, बल्कि बचाने की होती है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटरेश ने कहा है कि म्यांमार में हुई हिंसा से उन्हें गहरा सदमा लगा है। ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने इसे गिरावट का नया स्तर बताया है। संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत टॉम एंड्रूस ने इस सिलसिले में एक अंतरराष्ट्रीय आपात सम्मेलन बुलाने की मांग की है। म्यांमार की आलोचना करने वाले देशों में अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं लेकिन चीन और रूस ने अब तक म्यांमार सेना की आलोचना नहीं की है।