- निर्देशों का पालन नहीं करने वाले पटाखा विक्रेता पर होगी कारवाई
रांची। जिला प्रशासन ने दीपावली पर्व के दौरान आग दुर्घटना, आपातकालीन स्थिति से बचने के लिये पटाखा विक्रेता एवं आम नागरिकों से अपील करते हुए कई आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया है।
दीपावली पर्व के दौरान आग दुर्घटना, आपातकालीन स्थिति से बचने के लिये रांची के पटाखा विक्रेता एवं आम नागरिकों से जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार ने सुरक्षा निर्देशों का पालन करने की अपील की है।
पटाखा विक्रेता के लिये दिशा निर्देश
प्रशासन द्वारा पूर्व निर्धारित स्थल पर ही पटाखे की बिकी करें।
पटाखा बिक्री से पूर्व प्रशासन एवं अग्निशमन विभाग से अनुमति या अनापत्ति प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से लें।
बाजार, सड़क के किनारे, पेट्रोल पम्प, गैस के गोदाम, भीड़भाड़ वाले स्थानों पर पटाखे की बिक्री ना करें।
उन्हीं पटाखों की बिक्री करें जो स्वास्थ्य तथा वातावरण को प्रभावित नहीं करें।
ऐसे पटाखों की बिक्री न करें, जिनकी ध्वनि स्तर की सीमा 125 डिसीबल से अधिक हो।
विक्रय कार्य में नाबालिग छोटे बच्चों को ना लगायें।
पटाखों के पंडाल में बिजली की वायरिंग किसी योग्य एवं प्रशिक्षित इलेक्ट्रिशियन से करायें। हमेशा आईएसआई मार्क के कॉपर के तार का ही प्रयोग करें। नंगे तारों पर अच्छी प्रकार से टेप लगा कर रखें।
पटाखों के पंडाल में ज्वलनशील पदार्थ जैसे डीजल, केरोसीन पेट्रोल इत्यादि को एकत्र करके ना रखें, ना ही इनका प्रयोग करें।
पटाखों के पंडाल के आसपास पर्याप्त मात्रा में पानी, बालू एवं अग्निशमन यंत्र अनिवार्य रूप से रखें। इनका प्रयोग किस प्रकार करना है इसकी जानकारी अवश्य रखें।
पटाखों के पंडाल में प्रशिक्षित स्टाफ की देखरेख में प्राथमिक चिकित्सा किट अनिवार्य रूप से रखें।
जो भी पटाखा विक्रेता उपर्युक्त निर्देशों का पालन नहीं करेगा, उन पर प्रशासन द्वारा उचित एवं विधिसम्मत् कारवाई की जायेगी।
नागरिकों के लिये सुरक्षा निर्देश
पटाखा सदैव अधिकृत विक्रेता या ख्याति प्राप्त निर्माता के यहां से ही खरीदें।
पटाखे घरों के अन्दर नहीं जलायें।
पटाखा रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच नहीं जलायें।
पटाखे को सार्वजनिक सड़क एवं भीड़भाड़ वाले स्थलों पर ना जलायें।
अधिक ध्वनि के लिए पटाखों को टिन, कंटेनर या काँच की बोतलों में ना जलायें।
अभिभावक बच्चों को अकेले में पटाखे ना छोडने दें, अपनी उपस्थिति में ही पटाखे छुड़वाएं।
पटाखों को जलाते समय लम्बी लकड़ी, फुलझड़ी या मोमबत्ती का प्रयोग करें। माचिस का प्रयोग सीधे तौर पर कदापि ना करें, उन्हें थोड़ी दूरी पर रखकर ही जलायें।
अगर कोई पटाखा आग लगाने के बावजूद भी ना फटे तो उसको दोबारा जांचने की कोशिश ना करें। उसे हाथ से ना उठायें, क्योंकि वो कभी भी फट सकता है, बेहतर होगा कि उस पर पानी डालकर उसे निष्क्रिय कर दें।
पटाखे छोड़ते समय लम्बे या ढीले कपड़े ना पहनें, क्योंकि ये शीघ्र आग पकड़ सकते हैं।
पटाखे हमेशा खुली जगह पर ही छोड़ें और ध्यान रखें कि आसपास पेट्रोल, डीजल, केरोसिन या गैस सिलेन्डर जैसे ज्वलनशील पदार्थ ना रखे हों।
पटाखे छोडने वाले स्थानों पर कम्बल, पानी व बालू अवश्य रखें।
अगर कपड़ों में आग लगे तो जमीन पर लेट कर उलट पलट कर उसे बुझाने का प्रयास करें।
बहुमंजिली मकान में रहने वाले लोग अपने घरों की खिड़कियां एवं दरवाजे बन्द करके रखें, जिससे किसी प्रकार के जलते हुए पटाखा घरों में ना प्रवेश कर सकें।
किसी भी इमरजेंसी से बचने के लिये प्राथमिक चिकित्सा कीट पास में अवश्य रखें जिससे जलने व चोट की स्थिति में घायल की तुरन्त प्राथमिक चिकित्सा की जा सके।
अगर पटाखे से कोई व्यक्ति जल जाता है तो उसके शरीर के जले हुए हिस्से को बर्फ या ठंडे पानी से धोने के बाद प्राथमिक उपचार करें। यदि रोगी गंभीर रूप से जला है तो तुरन्त नजदीक के अस्पताल ले जायें।
किसी भी आपातकालीन स्थिति में जिला नियंत्रण कक्ष में संपर्क किया जा सकता है। इसका दूरभाष संख्या 0651-2215855, 8987790664, 7667985619, 7070440888 है।
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