नई दिल्ली। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने मंगलवार को अपना बजट पेश कर दिया। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने सदन में ई-बजट पेश किया, जिसकी थीम देशभक्ति रही।
दिल्ली में इस साल के लिए 69 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया। मनीष सिसोदिया ने बताया कि इस बार लोगों के लिए स्कीम का खर्च 55 फीसदी,जबकि सरकारी खर्च 45 फीसदी रहेगा। दिल्ली सरकार द्वारा स्थानीय निकायों को चार हजार करोड़ रुपये की मदद दी जाएगी, इसके अलावा स्टांप शुल्क, पार्किंग शुल्क भी स्थानीय निकायों को दिया जाएगा।
दिल्ली में 12 मार्च से देशभक्ति के कार्यक्रम शुरू होंगे, जिसमें आगे के विजन को दर्शाया जाएगा। भगत सिंह के जीवन से जुड़े कार्यक्रमों को दर्शाने के लिए 10 करोड़ रुपये जारी किए गए। इसके अलावा बाबा साहेब अंबेडकर के नाम पर जो कार्यक्रम होंगे, उसके लिए भी दस करोड़ रुपये का आवंटन किया गया। कनॉट प्लेस की तरह ही दिल्ली में अब 500 जगहों पर तिरंगे लगाए जाएंगे। साथ ही दिल्ली के स्कूलों में अब एक पीरियड देशभक्ति के बारे में पढ़ाया जाएगा।
हम हर व्यक्ति को कट्टर देशभक्त के तौर पर तैयार करेंगे, ताकि वो नियमों का पालन करे। मनीष सिसोदिया ने कहा कि ये बजट ऐसे वक्त में आ रहा है, जब हम आजादी के 75 साल पूरे कर रहे हैं, ऐसे में ये हमारे लिए गर्व की बात है। मनीष सिसोदिया ने बताया कि इस साल का बजट देशभक्ति बजट के नाम से जाना जाएगा, अगले हफ्ते से ही दिल्ली में आजादी के 75 साल पूरे होने पर कार्यक्रमों की शुरुआत हो जाएगी जो अगले 75 हफ्तों तक जारी रहेंगे।
1901 में दिल्ली में 4 लाख की आबादी थी, 1951 तक दिल्ली की आबादी में बहुत तेज़ी से बढ़ोतरी हुई और ये 17 लाख तक पहुंच गई। डिप्टी सीएम बोले कि 2047 तक दिल्ली की आबादी तीन करोड़ के पार हो जाएगी। मनीष सिसोदिया ने बताया कि 2047 तक दिल्लीवालों की प्रति व्यक्ति आय 16 गुना बढ़ाने का लक्ष्य है।