नेपाल के बाद अब फ्रांस की सड़कों पर हिंसा, 200 लोगों की गिरफ्तारी के बाद और बिगड़े हालात

नई दिल्ली देश
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पेरिस। हैरान कर देने वाली खबर फ्रांस से सामने आई है। बुधवार को नेपाल के बाद अब फ्रांस की सड़कों पर भयानक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है।

राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ में फ्रांस की सड़कों पर सैकड़ों लोगों की भीड़ उतर आई है। गुस्साई भीड़ ने हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ शुरू कर दिया। फ्रांस में यह हिंसा तब फैली, जब मैक्रों ने देश में नए प्रधानमंत्री का एलान किया। इससे भारी बवाल मच गया। 

घटना के बाबत फ्रांस के आंतरिक मंत्री ने बताया कि देशभर में नियोजित विरोध प्रदर्शन के पहले ही कुछ घंटों में लगभग 200 गिरफ्तारियां की गईं।

प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को पेरिस और फ्रांस के अन्य हिस्सों में सड़कों को जाम कर किया और भयानक आगजनी की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे। वे राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पर दबाव डालने की कोशिश कर रहे थे। ताकि उनके द्वारा नियुक्त नए प्रधानमंत्री को “आग का तोहफा” दिया जा सके।

एक प्रदर्शनकारी ने पास दीवार पर लिखा, “मैक्रों और तुम्हारी दुनिया…दफा हो जाओ!” यह विरोध आंदोलन के तहत हो रहा है। “सब कुछ बंद करो।” फ्रांस में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं, जबकि सड़कों पर भारी पुलिस बल तैनात है। 

फ्रांस की सड़कों पर कम से कम 80 हजार पुलिस बल तैनात हैं। इसके बावजूद आंदोलन में भारी उथल-पुथल है। हालांकि यह आंदोलन अपने घोषित लक्ष्य “सब कुछ बंद करो” को पूरी तरह हासिल नहीं कर पाया।

पहले यह आंदोलन ऑनलाइन शुरू हुआ और तेजी से फैल गया। इसने देशभर में भारी अव्यवस्था पैदा की और 80,000 पुलिसकर्मियों की असाधारण तैनाती को भी चुनौती दी। भीड़ ने कई जगह बैरिकेड हटा दिए। इसके बाद पुलिस ने तेजी से गिरफ्तारियां कीं।

फ्रांस के आंतरिक मंत्री ब्रूनो रेटैलो ने बताया कि पश्चिमी शहर रेन में एक बस को आग के हवाले कर दिया गया और दक्षिण-पश्चिम में एक पावर लाइन को नुकसान पहुंचाया। इसके बाद ट्रेनें ठप हो गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारी “विद्रोह का माहौल” बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

बुधवार सुबह पेरिस में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं। इस दौरान कई कचरे के डिब्बों में आग लगा दी गई। सरकार द्वारा “ब्लॉक एवरीथिंग” अभियान के तहत देशभर में 80,000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति मैक्रों के नेतृत्व और सख्त आर्थिक नीतियों से नाराज़ हैं और देशभर में गतिविधियां बाधित करने की योजना बना रहे हैं। पेरिस पुलिस प्रीफेक्चर ने बताया कि सुबह 9 बजे तक 75 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका था, और दिनभर में प्रदर्शन और रोड ब्लॉक जारी रहने की आशंका है।

प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बेयरू को संसद में विश्वास मत हारने के बाद पद से हटा दिया गया और उनकी जगह मंगलवार को सेबास्टियन लेकोर्नू को प्रधानमंत्री बनाया गया। इसके दो दिन बाद ही हजारों प्रदर्शनकारियों ने सोशल मीडिया पर आह्वान करने के बाद देशभर में आंदोलन शुरू कर दिया। स्थिति बद से बदतर होती जा रही है।

खबरें और भी हैं। इसे आप अपने न्‍यूब वेब पोर्टल dainikbharat24.com पर सीधे भी जाकर पढ़ सकते हैं। नोटिफिकेशन को अलाउ कर खबरों से अपडेट रह सकते हैं। साथ ही, सुविधा के मुताबिक अन्‍य खबरें भी पढ़ सकते हैं।

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राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ में फ्रांस की सड़कों पर सैकड़ों लोगों की भीड़ उतर आई है। गुस्साई भीड़ ने हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ शुरू कर दिया। फ्रांस में यह हिंसा तब फैली, जब मैक्रों ने देश में नए प्रधानमंत्री का एलान किया। इससे भारी बवाल मच गया। 

घटना के बाबत फ्रांस के आंतरिक मंत्री ने बताया कि देशभर में नियोजित विरोध प्रदर्शन के पहले ही कुछ घंटों में लगभग 200 गिरफ्तारियां की गईं।

प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को पेरिस और फ्रांस के अन्य हिस्सों में सड़कों को जाम कर किया और भयानक आगजनी की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे। वे राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पर दबाव डालने की कोशिश कर रहे थे। ताकि उनके द्वारा नियुक्त नए प्रधानमंत्री को “आग का तोहफा” दिया जा सके।

एक प्रदर्शनकारी ने पास दीवार पर लिखा, “मैक्रों और तुम्हारी दुनिया…दफा हो जाओ!” यह विरोध आंदोलन के तहत हो रहा है। “सब कुछ बंद करो।” फ्रांस में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं, जबकि सड़कों पर भारी पुलिस बल तैनात है। 

फ्रांस की सड़कों पर कम से कम 80 हजार पुलिस बल तैनात हैं। इसके बावजूद आंदोलन में भारी उथल-पुथल है। हालांकि यह आंदोलन अपने घोषित लक्ष्य “सब कुछ बंद करो” को पूरी तरह हासिल नहीं कर पाया।

पहले यह आंदोलन ऑनलाइन शुरू हुआ और तेजी से फैल गया। इसने देशभर में भारी अव्यवस्था पैदा की और 80,000 पुलिसकर्मियों की असाधारण तैनाती को भी चुनौती दी। भीड़ ने कई जगह बैरिकेड हटा दिए। इसके बाद पुलिस ने तेजी से गिरफ्तारियां कीं।

फ्रांस के आंतरिक मंत्री ब्रूनो रेटैलो ने बताया कि पश्चिमी शहर रेन में एक बस को आग के हवाले कर दिया गया और दक्षिण-पश्चिम में एक पावर लाइन को नुकसान पहुंचाया। इसके बाद ट्रेनें ठप हो गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारी “विद्रोह का माहौल” बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

बुधवार सुबह पेरिस में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं। इस दौरान कई कचरे के डिब्बों में आग लगा दी गई। सरकार द्वारा “ब्लॉक एवरीथिंग” अभियान के तहत देशभर में 80,000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति मैक्रों के नेतृत्व और सख्त आर्थिक नीतियों से नाराज़ हैं और देशभर में गतिविधियां बाधित करने की योजना बना रहे हैं। पेरिस पुलिस प्रीफेक्चर ने बताया कि सुबह 9 बजे तक 75 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका था, और दिनभर में प्रदर्शन और रोड ब्लॉक जारी रहने की आशंका है।

प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बेयरू को संसद में विश्वास मत हारने के बाद पद से हटा दिया गया और उनकी जगह मंगलवार को सेबास्टियन लेकोर्नू को प्रधानमंत्री बनाया गया। इसके दो दिन बाद ही हजारों प्रदर्शनकारियों ने सोशल मीडिया पर आह्वान करने के बाद देशभर में आंदोलन शुरू कर दिया। स्थिति बद से बदतर होती जा रही है।

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