गुमला के मत्स्य कृषक ओम प्रकाश साहू के कार्यों को प्रधानमंत्री ने सराहा

झारखंड मुख्य समाचार
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  • जिले के लिए गौरव का क्षण

गणपत लाल चौरसिया

गुमला। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में गुमला जिले के मत्स्य कृषक ओम प्रकाश साहू के मत्स्य पालन के क्षेत्र में किए जा रहे उत्कृष्ट कार्यों की 27 जुलाई को सराहना की। ओम प्रकाश साहू जिले के बसिया प्रखंड के ग्राम कुम्हारी के रहने वाले हैं।

श्री साहू कभी ठेकेदारी जैसे कार्यों में लगे थे। वर्ष, 2024 में झारखंड सरकार से चार तालाबों की बंदोबस्ती लेकर मत्स्य पालन की दिशा में आगे बढ़े। आज वे 40 क्विंटल से अधिक मछली उत्पादन कर 4-5 लाख रुपये सालाना आय अर्जित कर रहे हैं। उनकी पत्नी इन्दुमती देवी को वर्ष 2023-24 में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत मध्यम आरएएस इकाई का लाभ प्राप्त हुआ है।

उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने इस अवसर पर कहा, ‘प्रधानमंत्री द्वारा जिले के किसानों की सराहना होना हमारे लिए अत्यंत गौरव का विषय है। यह दिखाता है कि योजनाओं का सही क्रियान्वयन और स्थानीय स्तर पर प्रतिबद्धता के साथ किया गया कार्य किस प्रकार राष्ट्रीय पहचान बना सकता है। नारिकेला में निरीक्षण के बाद जिले के अन्य प्रखंडों में भी मॉडल फिश फॉर्म की स्थापना की जा रही है।‘

गुमला जिले में मत्स्य के क्षेत्र में ज्योति लकड़ा को भी कुछ दिनों पूर्व राज्य स्तर  पर उत्कृष्ट कृषि कार्य के लिए सम्मानित किया गया था। वह बसिया प्रखंड के एक सक्रिय मत्स्य मित्र हैं। मत्स्य पालन को आजीविका का मुख्य आधार बनाकर न केवल स्वयं आत्मनिर्भर बनी हैं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में कृषकों को प्रशिक्षण, जागरूक एवं सरकारी योजनाओं से जोड़ने का कार्य भी कर रहे हैं।

वर्ष 2022-23 में उन्हें फिश फीड मिल योजना के अंतर्गत सहायता प्राप्त हुई, जिससे उन्होंने मछली उत्पादन के साथ-साथ फीड प्रबंधन में भी उत्कृष्टता प्राप्त की है। वे 150 से अधिक ग्रामीणों को प्रेरित कर चुके हैं, जिन्होंने मत्स्य पालन को अपनाकर अपनी आजीविका को नया स्वरूप दिया है।

ओम प्रकाश साहू

जिला मत्स्य पदाधिकारी कुसुम लता ने बताया कि वर्ष 2020-21 से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत जिले में अब तक 157 लाभुकों को जोड़ा जा चुका है। जिले में बायो फ्लॉक तालाब, एक्वाकल्चर सिस्टम, ग्रो-आउट तालाब, फिश फीड मिल जैसे नवाचारों को बढ़ावा देकर मत्स्य पालन को लाभकारी व्यवसाय बनाया जा रहा है। अनुसूचित जाति/जनजाति एवं महिला लाभुकों को योजनाओं के अंतर्गत 60 प्रतिशत अनुदान, एवं अन्य को 40 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है।

नारिकेला पंचायत में चरकी देवी, बबीता देवी एवं प्रीति देवी जैसे महिला समूहों द्वारा 16 ग्रो-आउट तालाबों का क्लस्टर तैयार किया गया है, जिससे सामूहिक मत्स्य पालन और महिला सशक्तिकरण को बल मिला है। नारिकेला क्षेत्र में ही विभिन्न योजनाओं से लगभग 150 से अधिक मत्स्य किसान जुड़ कर मत्स्य पालन से जुड़े है।

मत्स्य पालन के माध्यम से ना केवल स्थानीय स्तर पर आजीविका के सशक्त साधन सृजित हो रहे हैं, बल्कि यह कुपोषण उन्मूलन और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी अहम भूमिका निभा रहा है। गुमला जैसे लैंड लॉक राज्य में यह क्षेत्र अब विदेशी मुद्रा अर्जन, स्वरोजगार और ग्रामीण सशक्तिकरण का मजबूत आधार बनता जा रहा है।

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