
छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से बड़ी खबर आ रही है, जहां सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। आज (12 जुलाई 2025) को करोड़ों रुपये के 23 इनामी नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पहुंचकर आत्मसमर्पण किया है। इन पर कुल 1.18 करोड़ रुपये के इनाम घोषित थे।
ये हैं आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली
8 लाख रुपये इनामी नक्सली:
- लोकेश उर्फ पोड़ियाम भीमा- डीव्हीसीएम स्तर का नक्सली नेता
- रमेश उर्फ कलमू केसा-पीपीसीएम रैंक के वरिष्ठ सदस्य
- कवासी मासा-पीपीसीएम स्तर का माओवादी
- प्रवीण उर्फ संजीव उर्फ मड़कम हुंगा- पीपीसीएम के रूप में सक्रिय
- नुप्पो गंगी- पीपीसीएम रैंक का माओवादी
- पुनेम देवे- पीपीसीएम स्तर का नक्सली
- परस्की पांडे- पीएलजीए पार्टी का सदस्य
- माड़वी जोगा- पीएलजीए पार्टी सदस्य
- नुप्पो लच्छु उर्फ लक्ष्मण- पीएलजीए बटालियन मुख्यालय में एसजेडसीएम सन्नू दादा का गार्ड
- पोड़ियाम सुखराम- पीएलजीए बटालियन क्रमांक 01 की कंपनी क्रमांक 03 के प्लाटून क्रमांक 3, सेक्शन ‘ए’ का सदस्य
- दूधी भीमा- प्लाटून क्रमांक 04 का डिप्टी कमांडर और पीपीसीएम रैंक का माओवादी
5 लाख रुपये इनामी नक्सली (एसीएम रैंक):
- मुचाकी रनौती उर्फ हिड़मे
- कलमू दुला
- दूधी मंगली
- सिद्धार्थ उर्फ माड़वी इंदा
3 लाख रुपये इनामी पार्टी सदस्य:
- हेमला रामा
1 लाख रुपये इनामी पार्टी सदस्य:
- सोड़ी हिड़मे
- कवासी जोगा
- रूपा उर्फ भीमे
- गगन उर्फ करटम दुड़वा
- कवासी हुंगी
- कारम भीमा
- मड़कम नंदे
एक दिन पहले नारायणपुर जिले में 22 नक्सलियों के आत्मसमर्पण के बाद, अब सुकमा में 23 इनामी माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण करने वालों में कुख्यात डीवीसीएम लोकेश भी शामिल है, जो 2012 में कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन के अपहरण में शामिल था।
ये है सुरक्षा बलों की संयुक्त सफलता
यह सफलता सुकमा पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त अभियान का परिणाम है। आत्मसमर्पण पुलिस अधीक्षक सुकमा किरण चव्हाण और सीआरपीएफ डीआईजी आनंद सिंह की मौजूदगी में हुआ। अभियान में सीआरपीएफ की 2वीं, 223वीं, 227वीं, 165वीं बटालियन एवं कोबरा की 204वीं और 208वीं बटालियन की भूमिका अहम रही।
बोले-आईजी बस्तर सुंदरराज पट्टलिंगम
आईजी बस्तर सुंदरराज पट्टलिंगम ने कहा, ‘आज के आत्मसमर्पण से यह स्पष्ट है कि माओवादी अब हिंसा को छोड़कर मुख्यधारा में लौटना चाह रहे हैं। यह बस्तर में शांति और पुनर्वास की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है’। उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी बीते वर्षों में कई हिंसक वारदातों में शामिल रहे, लेकिन अब वे अहिंसा और समाज में पुनः जुड़ने का मार्ग अपना रहे हैं। उन्होंने अपील की है कि सभी सक्रिय नक्सली आत्मचिंतन करें और समाज की मुख्यधारा में लौटें। सरकार द्वारा पुनर्वास और सम्मानजनक जीवन के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं। आत्मसमर्पण और पुनर्वास के द्वार सदैव खुले हैं।