Jharkhand: मंत्री हफीजुल हसन के विवादास्पद बयान पर मचा सियासी घमासान, जानें पूरा मामला

झारखंड
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रांची। झारखंड समेत देशभर में आज यानी सोमवार को बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की 135 वीं जयंती मनायी गयी। इसी बीच झारखंड की हेमंत सरकार में मंत्री हफीजुल हसन के एक विवादास्पद बयान पर सियासी घमासान मच गया है।

मंत्री हफीजुल हसन का यह बयान राजनितिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। विपक्ष ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मंत्री के इस बयान पर उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग कर दी है।

जानकारी के अनुसार एक न्यूज चैनल को इंटरव्यू देते हुए मंत्री हफीजुल हसन ने संविधान और शरीयत के बीच तुलना की, जिसमें मंत्री ने शरीयत को दिल में और संविधान को हाथ में रखने की बात कही।

उन्होंने मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि मुसलमान अपने सीने में कुरान और हाथ में संविधान रखते हैं। हम पहले शरीयत और उसके बाद संविधान को महत्व देते हैं।

भाजपा के कई दिग्गज नेता मंत्री हफीजुल हसन के इस बयान पर भड़क उठे। उन्होंने कहा कि मंत्री का यह बयान संविधान का अपमान करनेवाला है।

कोई मंत्री को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की, तो मंत्री को पाकिस्तान भेजने की बातें कर रहा है। हालांकि अब तक इस मुद्दे पर न तो मंत्री हफीजुल हसन का कोई स्पष्टीकरण आया है, न ही सरकार के किसी मंत्री द्वारा इस पर कोई टिप्पणी की गई है।

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