किडनी या मधुमेह की समस्या वाले लोगों को पपीता नहीं खाना चाहिए?, जानें

पोस्टमार्टम देश नई दिल्ली
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नई दिल्‍ली (thip.media)। एक वेबसाइट पर पोस्ट किये गए एक लेख में दावा किया गया है कि किडनी व मधुमेह की समस्या वाले लोगों को पपीता नहीं खाना चाहिए, क्योंकि यह किडनी की कार्यप्रणाली को खराब कर सकता है। रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकता है।

तथ्य जांच

क्या किडनी की समस्या वाले पपीता खा सकते हैं?

किडनी की समस्या वाले लोग पपीता खा सकते हैं या नहीं, यह पूरी तरह उनकी सेहत पर निर्भर करता है। पपीता पोटेशियम से भरपूर होता है, जो आमतौर पर फायदेमंद होता है। हालांकि किसी व्यक्ति की किडनी खराब है या कोई व्यक्ति किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहा है, तो उसे पोटेशियम की मात्रा सीमित करनी पड़ सकती है, क्योंकि उच्च स्तर हाइपरकलेमिया (रक्त में बहुत अधिक पोटेशियम) उत्पन्न कर सकता है। इससे हृदय की धड़कन अनियमित हो सकती है। दूसरी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। हल्की किडनी समस्या वाले या स्वस्थ किडनी वाले लोग थोड़ी मात्रा में पपीता खा सकते हैं। फिर भी, अपने आहार को लेकर चिकित्सक से सलाह लेना ज़रूरी है।

क्या रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाता है?

ज्यादा नहीं। पपीते का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) कम होता है। यानी यह रक्त शर्करा को तेजी से नहीं बढ़ाता है। पपीता में फाइबर की मात्रा भी अधिक पाई जाती है, जो मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।

रक्त शर्करा को कम करने में मदद

साल, 2023 के एक अध्ययन में पाया गया कि पपीता रक्त शर्करा को कम करने में मदद कर सकता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर को फायदा पहुंचाते हैं। हालांकि पपीता के सेवन के दौरान मात्रा का ध्यान रखना जरूरी है। किसी भी मीठे फल की तरह, बहुत ज्यादा पपीता खाने से रक्त शर्करा का स्तर बढ़ सकता है। प्रोटीन और हेल्दी फैट (स्वस्थ वसा) जैसे- पनीर, नट्स और बीज के साथ पपीता खाने से मधुमेह को नियंत्रित रखा जा सकता है।

ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है

इस विषय पर नई दिल्ली के होली मिशन क्लिनिक के जनरल फिजिशियन डॉ. उबैद उर रहमान बताते हैं, “पपीता मधुमेह रोगियों के लिए सुरक्षित है, लेकिन तब, जब इसे सीमित मात्रा में खाया जाए। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। इसलिए यह ब्लड शुगर तेजी से नहीं बढ़ाता।”

डॉ रहमान ने आगे कहा, “पपीते में मौजूद फाइबर रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है, लेकिन किसी भी फल की तरह, बहुत ज्यादा खाने से रक्त शर्करा का स्तर बढ़ सकता है। इसलिए, संतुलित आहार के हिस्से के रूप में इसे कम मात्रा में खाना सबसे अच्छा है।”

पपीते से सम्बंधित एक और मिथक है, जो बताता है कि सेक्स के बाद पपीता खाने से गर्भधारण को रोका जा सकता है। हालांकि यह सच नहीं है।

अतः उपरोक्त तथ्यों के अनुसार कहा जा सकता है कि यह दावा ज्यादातर गलत है।

यह कहानी मूल रूप से [thip.media] द्वारा प्रकाशित की गई थी (https://www.thip.media/hi/hindi-health-fact-check/fact-check-should-people-with-kidney-problems-or-diabetes-not-eat-papaya/105898/) और इसे शक्ति कलेक्टिव के तहत [dainikbharat24.com] द्वारा पुनः प्रकाशित किया गया है।

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