रांची। झारखंड के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता बंधु तिर्की को रांची सिविल कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। आचार संहिता उल्लंघन से जुड़े 6 वर्ष पुराने एक मामले में एमपी-एमएलए के विशेष कोर्ट ने बंधु तिर्की को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। गुरुवार को कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।
इससे पहले, सोमवार को बंधु तिर्की का 313 का बयान दर्ज किया गया था, जिसके बाद रांची एमपी-एमएलए के विशेष कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था और गुरुवार को फैसला सुनाने के लिए तिथि निर्धारित की थी।
यह मामला सिल्ली विधानसभा के उपचुनाव से जुड़ा हुआ है, जब बंधु तिर्की ने अनगड़ा थाना क्षेत्र में एक रैली को संबोधित किया था। रैली के दौरान बंधु तिर्की ने राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री को छत्तीसगढ़ी कहकर टिप्पणी की थी, साथ ही उन्होंने सुदेश कुमार महतो को नाभि में तीर मारने का बयान भी दिया था।
इस बयान के बाद, तत्कालीन अनगड़ा सीओ छवि बाला बाड़ा ने 7 जून 2018 को बंधु तिर्की के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
बंधु तिर्की पर 6 जुलाई 2022 को आरोप गठित किए गए थे। यह घटना उस समय हुई थी जब बंधु तिर्की जेवीएम में थे। कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बंधु तिर्की को बरी कर दिया, जिससे उन्हें बड़ी राहत मिली है।
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