खूंटी से निकलकर सिमडेगा पहुंचा बोरीबांध, डीसी भी पहुंचे निर्माण स्‍थल

झारखंड
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सिमडेगा। खूंटी के बाद सिमडेगा जिले में बोरीबांध बनाने का काम युद्ध स्तर पर शुरू हुआ है। दो दिनों के अंदर सिमडेगा के जलडेगा प्रखंड अंतर्गत टिनगिना पंचायत के सोनाजोर नाले पर और सदर प्रखंड सिमडेगा के जोकबहार पंचायत में लगभग 600 से ज्यादा ग्रामीणों ने बोरीबांध निर्माण कार्य में मदईत (श्रमदान) किया। पंचायतवासियों ने जनशक्ति से जलशक्ति अभियान के तहत मदईत (श्रमदान) कर बोरीबांध का निर्माण किया। यह अभियान जिला प्रशासन, सेवा वेलफेयर सोसाईटी और संबंधित गांव के ग्रामसभाओं के संयुक्त तत्वावधान में राज्य के विभिन्न जिलों में चलाया जा रहा है।

डीसी पहुंचे निर्माण स्‍थल

24 फरवरी को जल संरक्षण की दिशा में आगे आकर काम कर रहे ग्रामीणों का हौसला अफजाई करने सिमडेगा जिले के डीसी सुशांत गौरव, जलडेगा के बीडीओ राजेश बारला, परियोजना पदाधिकारी मनीष कुमार भी निर्माण स्थल पर पहुंचे। खूंटी जिला मुखिया संघ के अध्यक्ष सुदीप गुड़िया ने भी बोरीबांध निर्माण में श्रमदान कर ग्रामीणों का उत्साह बढ़ाया। खूंटी से सेवा वेलफेयर सोसाईटी के अध्यक्ष और उनकी टीम लगातार बोरीबांध निर्माण को लेकर ग्रामीणों को जागरूक और उनमें जल संरक्षण को लेकर उत्साह भरने का काम कर रहा है। साथ ही बोरीबांध निर्माण की तकनीक बताने के साथ ग्रामीणों के साथ मदईत करने का काम भी कर रहा है।

बोरीबांध के फायदे बताये

टिनगीना पहुंचे डीसी सुशांत गौरव ने ग्रामीणों और सखी मंडल की दीदीयों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बोरीबांध के कई फायदे हैं। सबसे पहला कि बोरीबांध निर्माण के नाम पर जनता और प्रशासन के बीच समन्वय स्थापित हो रहा है। प्रशासन और जनता एक-दुसरे से खुलकर बात कर विकास की बातें कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी काम को अकेले करना मुश्किल होता है, लेकिन सामूहिकता के बल पर बड़े से बड़े कामों को आसानी से किया जा सकता है। इसका उदाहरण सखी मंडल की दीदीयां हैं। उन्होंने कहा कि मिलकर काम करने की भावना में ताकत है।

जंगल कटने से समस्‍या

जंगलों के कटने से पानी समस्या उत्पन्न हुई है। उपजाउ खेतों से भी धुल उड़ने लगे हैं। उन्होंने कहा कि पानी हमारे खेतों और हमें आबाद करता है और हमें खुशियां देता है। उन्होंने कहा कि भगवान की दी हुई अनमोल दौलत है पानी। अब हमें देखना है कि हम इसे कितना ले पाते हैं या यूं ही बर्बाद हो जाने देते हैं। उन्होंने कहा कि हम पानी रोकेंगे तो खुशियां गांवों में खुशियां आऐंगीं। उन्होंने आवाम से पानी को रोकने के साथ जंगलों की रक्षा करते हुए वृक्षारोपण करने की भी अपील की, जिसके सहारे हम पानी के खोये हुए श्रोतों को फिर से बरकरार कर सकें। उन्होंने कहा कि हम ऐसा काम करें जिससे अपनी अगली पीढ़ी के लिए अच्छी जमीन छोड़ कर जाऐं।

खूंटी टीम को दिया धन्यवाद

बोरीबांध को लेकर सिमडेगा में ग्रामीणों को उत्साहित करने और इसके तकनीक बताने, ग्रामीणों के साथ मिलकर काम करने के लिए डीसी ने सेवा वेलफेयर सोसाईटी की खूंटी टीम को धन्यवाद देते हुए जिले में और बहुत सारे बोरीबांधों का निर्माण कराने को कहा। उन्होंने कहा कि इस कार्य में जिला प्रशासन पूरी मदद करेगी। 

निराकरण पर ज्यादा बातें करें

डीसी ने लोगों से अपने-अपने गांवों को नशामुक्त बनाने का आह्वान किया और कहा कि गांव शराब बनाने और बेचने वालों पर अंकुश लगाए। उन्होंने शराब पर खर्च होने वाले पैसे बच्चों की पढ़ाई पर खर्च करने की अपील की। साथ ही कहा कि अब हमें अपनी सोच बदल कर काम करनी चाहिए। सिर्फ प्रशासन और सरकार पर आश्रित ना रहकर स्वंय अपने गांव के विकास में हाथ बंटाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें समस्याओं पर फोकस ना करते हुए गांव के विकास के लिए क्या करना है, इस बात पर फोकस करना चाहिए।

पंपसेट दिये गए

बोरीबांध बनते ही डीसी ने पांच किसानों के बीच पंपसेट का वितरण किया। साथ ही ग्रामीणों की फरियादें सुनी। आम लोगों से सीधी बातचीत भी की। बोरीबांध निर्माण से पूर्व गांव के पूजारी सुधा मांझी और पाहन ज्ञान साय ने ग्रामदेवता की पूजा की और नारियल फोड़ प्रसाद का वितरण किया।