रांची। देश के प्रत्येक नागरिक को संविधान की जानकारी होनी चाहिए, क्योंकि संविधान का गहरा प्रभाव देश की शासन व्यवस्था पर पड़ता है। उक्त बातें 30 नवंबर को सरला बिरला विश्वविद्यालय में सरला बिरला मेमोरियल श्रृंखला के अंतर्गत आयोजित एक्सपर्ट टॉक के अवसर पर झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश कुमार ने कही। वे बतौर मुख्य अतिथि विवि प्रेक्षागृह में उपस्थित श्रोताओं को संबोधित कर रहे थे।
न्यायाधीश ने भारतीय संविधान के बुनियादी तत्वों पर भी विस्तार से चर्चा की और इसकी संकल्पना पर प्रकाश डाला। मानवीय जीवन में सादगी और ज्ञान के महत्व पर भी उन्होंने अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम के आरंभ में स्वागत संबोधन में विश्वविद्यालय के महानिदेशक प्रो. गोपाल पाठक ने सरला बिरला जी की दूरदृष्टि पर अपना विचार प्रस्तुत किया। आज के दौर में भारतीय संविधान की महत्ता और इसकी प्रासंगिकता एवं संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों पर भी उन्होंने बात की।
कार्यक्रम के अंत में इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन किया गया। इसमें विद्यार्थियों ने न्यायपालिका, इससे जुड़े अवसरों और भारतीय न्यायिक व्यवस्था में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जुड़े सवाल पूछे। धन्यवाद प्रभारी कुलपति एस.बी. डांडीन ने दिया।
इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता दीनबंधु, विवि के कुलसचिव प्रो. वी.के. सिंह, लॉ विभाग की इंचार्ज सुश्री कोमल गुप्ता, श्वेता सिन्हा, डॉ. आर.के. सिंह, डॉ. रश्मि सहाय, राजीव रंजन, डीन डॉ. नीलिमा पाठक, डीन डॉ. संदीप कुमार, डॉ पंकज गोश्वामी, डॉ. सुभानी बाड़ा, प्रवीण कुमार, अनुभव अंकित समेत विवि के अन्यान्य शिक्षकगण एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे।
विश्वविद्यालय के प्रतिकुलाधिपति बिजय कुमार दलान और सांसद डॉ. प्रदीप कुमार वर्मा ने इस एक्सपर्ट टॉक के आयोजन पर अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की।
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