गोप कुमार मिश्र और दिनेश रविकर के गीतों से गूंजा संत जेवियर सभागार

झारखंड
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  • छंदोमय झारखंड छंदमाल्य-पांच का आयोजन

रांची। छंदबद्ध रचनाओं की गीतमय प्रस्तुतियों के साथ छंदमाल्य भाग-5 का आयोजन रांची के संत जेवियर महाविद्यालय के मुख्य सभागार में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जयपुर, राजस्थान से आये छंदाचार्य गोप कुमार मिश्र ने की। मुख्य अतिथि छंदज्ञ दिनेश रविकर, विशिष्ट अतिथि प्रसेनजीत तिवारी (तुलसी भवन के मानद सचिव) और रामनंदन प्रसाद (उपाध्यक्ष तुलसी भवन) थे। अति विशिष्ट अतिथि रांची विवि के पूर्व हिन्‍दी विभागाध्यक्ष डॉ जंग बहादुर पांडेय  व प्रसिद्ध कवयित्री सुरिन्दर कौर नीलम थे।

कार्यक्रम का संयोजन प्रतिभा प्रसाद ‘कुमकुम’ और मनीषा सहाय ‘सुमन’ ने संयुक्त रूप से किया। संचालन की ज़िम्मेदारी सभी ग्यारह छंद साधकों ने मिलकर निभाई। कार्यक्रम का उद्घाटन, अतिथियों का स्वागत, मंच पर आमंत्रण, आभार,  संचालन एवं धन्यवाद सभी छंदों में किये गये। समीक्षात्मक टिप्पणियां भी छंदों में की गईं।

जयपुर से आए छंद गुरु गोप कुमार मिश्र ने छंदो की उपयोगिता पर व्याख्यान दिया। लखनऊ से आए छंदज्ञ दिनेश रविकर ने छंदमाल्य पुस्तक पांच में सम्मिलित छंदों व पुस्तक के विषय पर अपना वक्तव्य छंदों में सभी के समक्ष रखा। साहित्यकार जंग बहादुर पांडेय ने कविता के निर्माण और अर्थ को विश्लेषित किया।

छंदमाल्य में ‘छंदोमय झारखंड’ विषय आधारित रचनाओं की छंद में प्रस्तुतियां दी गई। प्रथम सत्र के उद्घाटन के बाद गायक सूरज श्रीवास्तव ने ‘यह है झारखंड’  गीत की ढफली पर सुरमय प्रस्तुति दी। प्रथम सत्र का संचालन मनीषा सहाय एवं बिंदु प्रसाद ‘रिद्धिमा’ ने किया।

दूसरे सत्र में छंदमाल्य -पांच पुस्तक का लोकार्पण हुआ। इसमें प्रतिभागी प्रतिमा त्रिपाठी, बिदु प्रसाद, राजश्री राज, मनीषा सहाय, विभा वर्मा, पुष्पा पांडेय, निर्मला कर्ण, रीना सिन्हा, रजनी रंजन, आरती श्रीवास्तव, प्रतिभा प्रसाद कुमकुम द्वारा  गीतिका, चौपाई, सरसी छंदो की संकलित रचनाओं का पाठ किया गया।

अन्य सत्र का संचालन रीना सिन्हा, प्रतिमा त्रिपाठी, डॉ रजनी रंजन, राजश्री राज, निर्मला कर्ण, पुष्पा पांडेय, विभा वर्मा ने किया।

तीसरे सत्र में सर्वप्रथम कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथियों ने अपने वक्तव्य दिए। कार्यक्रम के प्रति अपने दृष्टिकोण को रखा। इस प्रस्तुति के अंत में जयपुर, राजस्थान से विशेष आग्रह पर आए छंदमाल्य-३ कार्यक्रम के अध्यक्ष गोप कुमार मिश्र ने कार्यक्रम की तैयारियों एवं आयोजन पर समीक्षात्मक व्याख्या छंद में बहुत सुंदर दी।

आयोजन में मीडिया में कार्यरत नवेंदु उन्मेष और ऋतुराज वर्षा को सम्मानित किया गया। चौथे सत्र में सत्र रांची के सभी विशिष्ट कवि कवयित्रियों ने काव्यपाठ किया। निर्मला करण ने धन्यवाद किया।

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