उपभोक्ता से जुडी वस्तुओं पर केवल 12 फीसदी हो जीएसटी

झारखंड
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  • टैक्सेशन प्रणाली सीमलेस और पेनलेस हो : संजय अखौरी

रांची। एफएमसीजी समेत कई उत्पादों पर वर्तमान जीएसटी दर में कमी को जरूरी बताते हुए जेसीपीडीए ने वित मंत्रालय को पत्राचार किया। कहा गया कि सरकार का जीएसटी कलेक्शन लगातार रिकॉर्ड बनाता जा रहा है। ऐसे में आवश्यक है कि उपभोक्ता से जुडी एफएमसीजी उत्पादों पर जीएसटी दर को 12 फीसदी तक सीमित किया जाय। इससे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी।

जेसीपीडीए के अध्यक्ष संजय अखौरी ने कहा कि जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से राजस्व संग्रह लगातार नये रिकॉर्ड बनाता जा रहा है। ऐसे में आवश्यक है कि सरकार उपभोक्ता वस्तुओं पर जीएसटी दर में कमी करने पर विचार करे। बताते चलें कि वर्तमान में उपभोक्ता से जुडी वस्तुओं पर जीएसटी की दर 12-18 प्रतिशत प्रभावी है। जेसीपीडीए ने एफएमसजी प्रोडक्ट्स पर केवल एक ही दर 12 फीसदी प्रभावी करने की मांग की है।

हाल ही में जीएसटी काउंसिल द्वारा कैंसर की दवाओं पर 12 फीसदी से 5 फीसदी कमी करने के फैसले का स्वागत करते हुए जेसीपीडीए ने लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस की प्रीमियम को जीएसटी मुक्त करने की भी मांग की। यह कहा कि बेहतर और सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं मिलना, प्रत्येक नागरिक का अधिकार है और सरकार का दायित्व भी। लाइफ एंड मेडिकल इंश्योरेंस पर 18 फीसदी जीएसटी दर अनुचित है। सरकार प्रयास करे कि सरकार की टैक्स प्रणाली सीमलेस और पेनलेस हो।

जेसीपीडीए के अध्यक्ष संजय अखौरी ने वित मंत्रालय को प्रेषित पत्र के माध्यम से बेबी फूड आइटम पर लग रहे जीएसटी दर में भी कमी करने की बात कही। कहा गया कि शिशु आहार की कई वस्तुओं पर 12 से 18 फीसदी जीएसटी प्रभावी है, जिसे अधिकतम 5 फीसदी ही रखी जाय। इससे उपभोक्ताओं को महंगाई से बडी राहत मिलेगी।

जेसीपीडीए ने हेलमेट को जीएसटी मुक्त करने की भी मांग की। यह कहा कि दोपहिया वाहन आज कि जरुरत है एवं ट्रैफिक जाम से भी बहुत हद तक छुटकारा दिलाता है, एवं सुरक्षा कि दृष्टि से हेलमेट अति आवश्यक है।  ऐसी परिस्थति में हेलमेट को जीएसटी से मुक्त करना सराहनीय कदम होगा। इसके इस्तेमाल को बढावा मिलेगा और दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।

श्री अखौरी ने बताया कि 1,000 मूल्य तक के कपड़े पर 5 % जीएसटी लगता है, जिसे 2017 में जीएसटी लागू करते वक्त निर्धारित किया गया था। उन्होंने अनुरोध किया कि महंगाई को ध्यान रखते हुए 1,000 की सीमा को बढ़ा कर 5,000 रुपये किया जाये। 

एक तरफ सरकार जीएसटी में विलम्ब के लिए शास्ति एवं लेट फी की व्ययवस्था की है, ऐसे में समय पर जीएसटी विवरणी दाखिल करने वालो को रिबेट देना स्वागत कदम होगा। सरकार को इस बिंदु पर विचार करने का अनुरोध किया।

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