रांची। रक्षाबंधन के त्योहार की तिथि को लेकर ऊहापोह की स्थिति बरकरार है। यह पर्व 18 को या 19 अगस्त को मनाया जाएगा, आइए जानते हैं पंडित बाबा रामदेव से…रक्षाबंधन का त्योहार सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी का रक्षा सूत्र बांध कर लंबी उम्र की कामना करतीं हैं। वहीं बहन छोटी हो या बड़ी, भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं।
भाई-बहन के अटूट प्यार और उल्लास से भरा यह पर्व इस साल 19 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन सावन का आखिरी सोमवार भी पड़ रहा है। रक्षाबंधन के दिन सावन सोमवार के साथ इस बार कई शुभ योग बन रहे हैं। हालांकि इस बार सावन माह की पूर्णिमा पर भद्रा का साया है। ऐसे में रक्षाबंधन के त्योहार पर भद्रा भी रहेगी। इसलिए भद्राकाल का समय और शुभ मुहूर्त जानना जरूरी है।
पंडित बाबा रामदेव के अनुसार कुछ विद्वान दोपहर 1:25 बजे के बाद रक्षाबंधन की सलाह दे रहे हैं, पर प्रातःकाल 5.25 में सूर्योदय है, तो ब्रह्म मुहूर्त मानकर 4 बजे से 6:15 के बीच भाई बहन रक्षाबंधन कर सकते हैं , यह भाद्रा का उत्तरोत्तर काल होगा।
पंडित बाबा रामदेव कहते हैं, भद्रा के समय में शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। 18 अगस्त 2024 की रात 2 बजकर 21 मिनट पर भद्रा की शुरुआत होगी और इसका समापन 19 अगस्त 2024 को दोपहर में 1 बजकर 24 मिनट पर होगा। इस समय तक राखी बांधने के लिए शुभ समय नहीं है। इसके बाद ही अपने भाई की कलाई पर राखी बांध सकते हैं।
सावन पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त को सुबह 03 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी और 19 अगस्त को देर रात 11 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी। पंचांग के अनुसार 19 अगस्त 2024 दिन सोमवार को रक्षाबंधन मनाई जाएगी। हालांकि इस दिन भद्रा का साया रहेगा। भद्रा योग के समय में राखी नहीं बांधी जाती है। इस साल राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 26 मिनट से शाम 6 बजकर 25 मिनट तक रहेगा।
सावन मास की पूर्णिमा तिथि यानी रक्षाबंधन 19 अगस्त 2024 की सुबह से लेकर रात 8 बजकर 40 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग बना रहेगा। इसके साथ ही रक्षाबंधन पर शोभन योग का निर्माण होगा। शोभन योग 20 अगस्त को 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। वहीं, धनिष्ठा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इस योग का संयोग 20 अगस्त को 05 बजकर 45 मिनट तक है। इस योग में शुभ कार्य करने पर हर मनोकामना पूरी होती है।
सावन पूर्णिमा पर राखी बांधने का सही समय दोपहर 01 बजकर 32 मिनट से लेकर 04 बजकर 20 मिनट तक है, इसके बाद प्रदोष काल में शाम 06 बजकर 56 मिनट से लेकर 09 बजकर 08 मिनट तक है, इन दोनों समय में अपनी सुविधा अनुसार, बहनें अपने भाइयों को राखी बांध सकती हैं।