जयपुर। बड़ी खबर राजस्थान से आई है, विधानसभा में लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान बिल 2024 में मीसा बंदियों को पेंशन, मेडिकल सुविधाओं और रोडवेज में फ्री यात्रा का प्रावधान किया है। लेकिन आपातकाल में जो लोग माफी मांगकर जेल से छूटे थे, उन्हें यह सुविधा नहीं मिलेगी।
सरकार ने 40 करोड़ रुपये का बजट तय किया है। आपातकाल के दौरान 1975 से 1977 तक जेल जाने वालों को लोकतंत्र सेनानी का नाम दिया है। लोकतंत्र सेनानी की मौत होने पर उसकी पत्नी या पति को इसका लाभ मिलेगा।
भजनलाल सरकार ने पहली कैबिनेट की बैठक में मीसा बंदियों को हर महीने 20 हजार रुपये की पेंशन देने और अन्य सुविधाएं देने की घोषणा की थी। मीसा बंदियों को 20 हजार पेंशन, 4000 मेडिकल भत्ता और राजस्थान रोडवेज में फ्री यात्रा मिलेगी।
कई बार पेंशन बंद होने के कारण भजनलाल सरकार ने पेंशन का बिल लाकर इसे कानूनी रूप दिया है। कोई सरकार अब प्रशासनिक आदेश से इसे बंद नहीं कर पाएगी। अगर इसे बंद करेगी, तो उसे लंबी प्रक्रिया से गुजरना होगा। विधानसभा में बिल लाकर इसे निरस्त किया जाए सकेगा। कांग्रेस सरकार आते ही पेंशन बंद हो जाती थी इसके कारण परेशानी होती थी।
आपातकाल के दौरान जेल में बंद होने वालों को पेंशन की पात्रता जांचने के लिए जिलास्तर पर कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विधायक भी होंगे। यह कमेटी आवेदनों की जांच कर पात्रता का निर्णय लेगी।
कलेक्टर लोकतंत्र सेनानियों को आई कार्ड जारी करेंगे। इन्हें 15 अगस्त, 26 जनवरी और राष्ट्रीय पर्वों पर होने वाले सरकारी समारोहों में बुलाने के लिए प्रशासन उन्हें निमंत्रण भेजेगा। मीसा बंदियों की पेंशन का यह बिल इसी सप्ताह पास हो सकता है और 2 अगस्त को विधानसभा सत्र का आखिरी दिन है, माना जा रहा है कि बिल को इस दिन पास करवाया जाएगा।