
नेपाल। बड़ी और दुखद खबर नेपाल से आई है, जहां शुक्रवार तड़के भूस्खलन की चपेट में आई दो बसों के उफनाई नदी में बहने से उनमें सवार 60 से अधिक यात्रियों के लापता होने की सूचना है। लापता यात्रियों में सात भारतीय नागरिक भी शामिल बताए जा रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 65 यात्रियों को ले जा रही दो बसें चितवन जिले के सिमलताल इलाके में नारायणघाट-मुगलिंग मार्ग पर भूस्खलन की चपेट में आने के बाद उफनाई त्रिशूली नदी में बह गईं। इस बीच, एक अन्य घटना में कास्की जिले में बृहस्पतिवार को लगातार बारिश के कारण हुए भूस्खलन और बाढ़ में कम से कम 11 लोगों की मौत होने की सूचना है।
चितवन के मुख्य जिला अधिकारी इंद्र देव यादव ने इस हादसे की पुष्टि की। यादव ने बताया कि बीरगंज से काठमांडू जा रही एंजेल बस और राजधानी से गौर के लिए रवाना हुई। वहीं गणपति डीलक्स तड़के साढ़े तीन बजे भूस्खलन की चपेट में आ गई। पुलिस के अनुसार, एंजेल बस में 24 जबकि गणपति डिलक्स में 41 यात्री सवार थे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गणपति डीलक्स में सवार तीन यात्री बस से कूद गए, जिससे वे मलबे के साथ बहने से बच गए। पुलिस ने बताया कि बीरगंज से काठमांडू जा रही एंजेल बस में सवार 21 यात्रियों का विवरण मिल गया है और इनमें सात भारतीयों के शामिल होने की बात सामने आई है।
नारायणगढ़-मुगलिन मार्ग पर सिमलताल के निकट यात्रियों से भरी बस त्रिशूली नदी में गिर गई। बीरगंज से काठमांडू जा रही इस बस में नेपाली यात्रियों के साथ-साथ भारतीय यात्री भी सवार थे। 42 से अधिक यात्रियों के नदी की तेज धारा में बह जाने की सूचना मिल रही है,
वहीं दूसरी दुर्घटनाग्रस्त बस काठमांडू से गौड़ जा रही थी। चितवन जिले के सहायक जिला पदाधिकारी चिरंजीवी शर्मा ने बताया कि एक बस में जहां 42 यात्री सवार थे वहीं दूसरी बस में 24 यात्री, यात्रा कर रहे थे। बस को ढूंढने के लिए 75 से अधिक पुलिस कर्मियों को ड्यूटी पर लगाया गया है। वहीं यह भी जानकारी दी गई कि, तीन यात्रियों ने बस से कूद कर अपनी जान बचाई।
पुलिस के मुताबिक, जो भारतीय यात्री भूस्खलन की चपेट में आने के बाद लापता हो गए, उनमें से छह की पहचान संतोष ठाकुर, सुरेंद्र शाह, आदित मियान, सुनील, शाहनवाज आलम और अंसारी के रूप में की गई है। हादसे के शिकार सातवें भारतीय की शिनाख्त किया जाना अभी बाकी है।
यादव ने बताया कि बचावकर्मियों ने भूस्खलन के मलबे को हटाने का काम शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ ने त्रिशूली नदी में दो बसों के बहने की घटना पर दुख जताते हुए युद्धस्तर पर तलाश एवं बचाव अभियान के निर्देश जारी किए हैं।
हादसे में मरने वालों में कई उत्तर प्रदेश के भी बताए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त कार्यालय ने श्रावस्ती जिले के एडीएम एफआर अमरेंद्र वर्मा को कोर्डिनेशन को निर्देश दिए हैं।
राहत आयुक्त जीएस नवीन ने महाराजगंज के आपदा विशेषज्ञ को मौके पर जाकर हालात का जायजा लेने को कहा। नेपाल में हुए हादसे का जायजा लेने के लिए महाराजगंज के आपदा विशेषज्ञ अपनी टीम के साथ निकले।