वर्ष 2047 तक ज्यादातर किसान कृषि व्यवसायी के रूप में कार्य करेंगे : डॉ. गौतम

कृषि देश बिहार
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पटना। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक (कृषि प्रसार) डॉ. यू.एस. गौतम ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर में 16 मई 2024 को संस्थान के वैज्ञानिकों के साथ संवाद किया। वैज्ञानिकों को उन्होंने बताया कि आजकल नई और उच्च उपज वाली किस्म एवं उन्नत तकनीक के साथ टिकाऊ कृषि पर भी जोर दिया जा रहा है। किसान को सतत् विकास के लिए टिकाऊ कृषि प्रणाली अपनाने की जरुरत है। उन्‍होंने बताया कि वर्ष 2047 तक ज्यादातर किसान कृषि व्यवसायी के रूप में कार्य करेंगे। कृषि सलाह सेवाएं शुल्क आधारित होंगी।

इससे पूर्व संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास ने उप महानिदेशक का स्‍वागत करते हुए संस्थान की महत्वपूर्ण उपलब्धियों एवं प्रगतिशील परियोजनाओं की जानकारी दी। अटारी पटना के निदेशक डॉ. अंजनी कुमार ने इस अवसर पर युवा वैज्ञानिकों को शोध कार्य के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम में डॉ. धीरज कुमार सिंह द्वारा जीरो हंगर एवं जीरो तकनीक अंतर वाले गांव के विकास से संबंधित परियोजना पर प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। साथ ही, संस्थान के प्रयास (PRAYAS) परियोजना के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की जानकारी डॉ. अनिर्बन मुखर्जी द्वारा दी गई। डॉ. गौतम ने इन परियोजनाओं का मूल्यांकन करते हुए इन्हें बेहतर बनाने के सुझाव दिए।

डॉ. गौतम ने वैज्ञानिकों से एक-एक गांव विकसित करने को कहा, जहां कोई तकनीकी अंतर ना हो। साथ ही, एक ऐसा गांव जहां कोई भुखमरी नहीं हो। उन्होंने युवा वैज्ञानिकों से नई-नई अनुसंधान योजनाओं के लिए आवेदन करने का आह्वान किया। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा हर संभव सहायता देने की भी बात कही। इस दौरान उन्होंने नीति अनुसंधान के क्षेत्र में काम करने की भी सलाह दी। प्रभागाध्यक्ष (सामाजिक-आर्थिक एवं प्रसार) डॉ. उज्ज्वल कुमार ने धन्यवाद दिया।

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