पापी स्वयं मृत्यु को बुला लेते हैः आचार्य दीनानाथ शरण

झारखंड
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रांची। श्री जगतगुरु देवाचार्य मलुक पीठाधीश्वर श्री राजेन्द्र दास जी महाराज के कृपापात्र शिष्य परम पूज्य आचार्य दीनानाथ शरण जी महाराज श्रीधाम वृन्दावन के मुखारविन्द से आज यानी शनिवार को विश्राम दिवस की भागवत कथा हुई।

इसमें उन्होंने कहा कि, पापी स्वयं ही मृत्यु को बुला लेते हैं। कंस, भस्मासुर और रावण ने अपनी मृत्यु को स्वयं बुलाया था। द्वेष भाव में श्रद्धा और विद्वेष उपासना बढ़ जाती है।

कलंक तो भगवान को भी लगा। स्यमन्तक मणि हरण का, चुगली तो राम राज्य में धोबी ने भी किया था। कृष्णावतार में कुन्ती और युधिष्ठिर का प्रसंग है, जिसमें युधिष्ठिर ने श्राप दिया कि, स्त्री कुछ भी प्रसंग छुपाकर नहीं रह सकती है।

इसलिए आरोप तो हम सबों पर भी लग सकता है। सुदामा चरित्र की कथा और झांकी के साथ इन्होंने विश्राम लिया। आज के मुख्य यजमान जय सिंह, प्रत्युष सिंह थे। यह जानकारी पंडित रामदेव पाण्डेय ने दी।