नई दिल्ली। बड़ी और हैरान कर देने वाली खबर आ रही है, कोटक महिंद्रा बैंक के बाद अब प्राइवेट सेक्टर के यस बैंक का एक ब्रांच मैनेजर साइबर क्राइम के मामले में गिरफ्तार हुआ है। इनकी गिरफ्तारी के बाद सवाल उठ रहा है कि, क्या निजी बैंकों से ही साइबर क्राइम का नेक्सेस चल रहा है?
साइबर क्राइम का ये मामला नई दिल्ली से जुड़ा हुआ है। जहां साइबर क्राइम पुलिस ने यस के ब्रांच मैनेजर समेत तीन कर्मचारियों और साइबर ठगों को बैंक खाता बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। साइबर पुलिस ने मोहम्मद मुकीम को गिरफ्तार किया है, जो कि यस बैंक की लाजपत नगर दिल्ली स्थित ब्रांच में ब्रांच मैनेजर के पद पर तैनात था। इसके साथ ही पूछताछ और जांच के बाद मोहम्मद मुकीम के दो अन्य साथियों को भी गिरफ्तार किया गया है।
लाजपत नगर ब्रांच मैनेजर मोहम्मद मुकीम के साथ मिलकर ये दोनों कर्मचारी फर्जी तरीके से खाते भी खोलते थे और फिर इन्हें साइबर ठगों को बेच देते थे। साइबर पुलिस के हत्थे चढ़े अन्य दो आरोपियों में एक का नाम अनकेश है, जो कि यस बैंक में सेल्स ऑफिसर के पद पर तैनात था, जबकि तीसरा आरोपी रोशन कुमार भी बैंक में सेल्स ऑफिसर है, जो कि केशोपुर जिला मुज्जफरपुर (बिहार) का रहने वाला है।
साइबर पुलिस की जांच में सामने आया कि इन सभी आरोपियों ने एक साथ धोखाधड़ी से फर्जी दस्तावेज तैयार कराए और इनके जरिए ना केवल Yes Bank में खाते खोले। इन फर्जी खाते खोलने के नाम पर 2 लाख रुपए सुहेल और अकरम से लिए, इसमें से 1,52,000 की ठगी की गई रकम आरोपियों द्वारा उपलब्ध कराए गए बैंक खातों में ट्रांसफर की गई थी। बहरहाल साइबर क्राइम पुलिस अब आरोपियो से पूछताछ करते हुए उनके द्वारा खोले गए तमाम बैंक खातों की जांच में जुट गई है।
बताते चलें कि, इससे पहले साइबर क्राइम पुलिस ने कोटक बैंक के असिस्टेंट मैनेजर और उसके साथियों को साइबर क्राइम के मामलों में लिप्त होने के चलते गिरफ्तार किया था। हाल ही में गुरुग्राम की साइबर क्राइम यूनिट ने 3 बैंक मैनेजर समेत 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
आरोप है कि तीनों बैंक मैनेजर मेवात में साइबर ठगी के सरगना से मिले थे। वे लगातार साइबर ठग के संपर्क में रहकर उसे साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देने के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराते थे। इसके बदले साइबर ठग से 15 से 20 हजार रुपए प्रति बैंक खाता उपलब्ध कराने के लेते थे।