नई दिल्ली। झारखंड मुक्ति मोर्चा रिश्वत मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला दिया है। कोर्ट की 7 जजों की खंडपीठ ने अपने पुराने फैसले को भी ओवर रूल कर दिया है। यह फैसला सीता सोरेन बनाम भारत सरकार के केस में आया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि रिश्वत लेकर सदन में वोट या भाषण देने वाले सांसदों-विधायकों को मुकदमे से छूट नहीं मिल सकती। यह विशेषाधिकार के तहत नहीं आता। कोर्ट ने 1998 का नरसिंह राव फैसला पलट दिया है। कहा कि इससे फर्क नहीं पड़ता कि घूस लेने वाले ने घूस देने वाले के मुताबिक वोट दिया या नहीं।
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने कहा, ‘आज सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की टीम ने ऐतिहासिक फैसला दिया है। इसमें अपने पुराने फैसले को भी ओवर रूल कर दिया है। इसमें कहा गया है कि अगर कोई भी विधायक-सांसद पैसे लेकर सवाल या फिर वोट करता है उसे किसी भी तरह की प्रतिरक्षा प्राप्त नहीं होगी। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा चलेगा।’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा रिश्वत मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना की है। प्रधानमंत्री ने इसे महान फैसला बताते हुए एक्स पोस्ट में कहा, ‘स्वागतम्! माननीय सर्वोच्च न्यायालय का एक महान फैसला, जो स्वच्छ राजनीति सुनिश्चित करेगा और सिस्टम में लोगों का विश्वास गहरा करेगा।’
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भाजपा सांसद मुख़्तार अब्बास नक़वी ने कहा, ‘जब जनता, जनादेश देकर आपको चुनती है, इसके बाद ऐसे लोग जो जनता के जनादेश के साथ विश्वासघात करते हैं तो उन्हें ना कानूनी संरक्षण मिल सकता है और ना ही सियासी संरक्षण मिल सकता है।’
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