- वित्तीय वर्ष की प्रथम नौमाही में 18,609 करोड़ रुपये की शुद्ध ऋण कटौती के साथ बैलेंस शीट डी-लीवरेज जारी
मुंबई। टाटा स्टील लिमिटेड के निदेशक मंडल की 9 फरवरी, 2021 को हुई बैठक में 31 दिसंबर, 2020 को समाप्त तिमाही और नौमाही के लिए कंपनी के वित्तीय परिणामों को मंजूरी दी गई।
कर के बाद वित्तीय वर्ष ’21 की तीसरी तिमाही में कंपनी का समेकित लाभ वित्तीय वर्ष ’20 की तीसरी तिमाही की तुलना में 4.3 गुना बढ़कर 4,011 करोड़ रुपये हो गया। इसी के साथ प्रमुख संस्थाओं में बेहतर रियलाइजेशन (वसूली) के साथ समेकित एबिटा भी वर्षवार 2.6 गुना बढ़ कर 9,540 करोड़ रुपये हो गया।
वित्तीय वर्ष’21 की तीसरी तिमाही के दौरान मजबूत परिचालन प्रदर्शन, अनुशासित पूंजीगत व्यय और कार्यशील पूंजी प्रबंधन के कारण संचालित समेकित फ्री कैश फ्लो 12,078 करोड़ रुपये और चालू वित्त वर्ष के पहले नौमाही में 20,588 करोड़ रुपये था। कंपनी ने पूंजीगत व्यय को प्राथमिकता देना जारी रखा है। इस तिमाही के दौरान इसने कैपेक्स पर 1,394 करोड़ रुपये खर्च किए। कंपनी ने टाटा स्टील कलिंगानगर में पेलेट प्लांट और कोल्ड रोल मिल कॉम्प्लेक्स में काम फिर से शुरू करने का फैसला किया है। एक बार पूरा हो जाने पर पेलेट प्लांट और कोल्ड रोल मिल कॉम्प्लेक्स, दोनों, मार्जिन का विस्तार करेंगे।
कंपनी के सीईओ और एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा कि वैश्विक और भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के कारण भारत में स्टील की मांग में तेजी से सुधार हुआ है। हमने अपने स्थानीय ग्राहकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निर्यात को कम कर अपने डिलीवरीज को हमारे घरेलू बाजारों तक पहुंचाने में जोर दिया। सभी खंडों ने, विशेष रूप से मोटर वाहन ने मजबूत ग्राहक संबंधों, बेहतर वितरण नेटवर्क, ब्रांडों और नए उत्पाद विकास पर हमारे निरंतर ध्यान के कारण बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। व्यापार को जोखिम-रहित बनाने के लिए हमारी विभिन्न पहलकदमियों पर हम अच्छी प्रगति कर रहे हैं, जबकि हमारे डिजिटल मार्केटिंग प्लेटफॉर्म हमें नए बाजारों तक पहुंचने और फ्यूचर रेडी होने में मदद कर रहे हैं। आधारभूत संरचनाओं में निवेश और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए हाल के नीतिगत विकास से भारत में स्टील की मांग बढ़ना चाहिए।
एंटरप्राइज डिलेवरेजिंग प्लान के तहत टाटा स्टील ने चालू वित्त वर्ष के पहले नौमाही में शुद्ध ऋण में 18,609 करोड़ रुपये की कमी की है। इस तीसरी तिमाही के दौरान, कंपनी ने लिवरेज में 10,325 करोड़ रुपये की कमी की। निरंतर डी-लिवरेजिंग रणनीति के तहत विव’21 की चौथी तिमाही में आगे भी डी-लिवरेजिंग की जा रही है।