पुरस्कार से बाल प्रतिभा को मिलती है पहचान और सम्मान

झारखंड
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  • जवाहर विद्या मंदिर में पुरस्‍कार वितरण समारोह का आयोजन

रांची। नन्हें छात्रों में पुरस्कार अच्छे व्यवहार और प्रतिस्पर्धी भावना को प्रोत्साहित करने का एक बेहतर तरीका है। इस उद्देश्य से जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली में प्राथमिक विभाग के कक्षा जूनियर केजी-II से दूसरी कक्षा तक के बच्‍चों की उपलब्धियों का जश्न मनाने एवं उनके मूल्यों और नैतिकता को सम्मान देने के लिए दयानंद प्रेक्षागृह में पुरस्कार वितरण समारोह मनाया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य समरजीत जाना, उप प्राचार्य एसके झा, बीएन झा, संजय कुमार, छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष अमित रॉय, विद्यालय समन्वयिका श्रीमती सुष्मिता मिश्रा, प्राथमिक प्रभाग प्रभारी श्रीमती ममता दास के सामूहिक कर-कमलों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ।

सत्र 2023-24 में शैक्षणिक सह क्रियाकलाप, ओलम्पियाड, गीता सस्वर पाठ, कथा वाचन, सुलेख, वर्तनी लेखन, खेल, कला व विज्ञान प्रदर्शनी, नृत्य, संगीत एवं खेल में उत्कृष्ट व सराहनीय प्रदर्शन करने वाले छात्रों को मंच पर मेडल व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।

कथा वाचन में 25, काव्य पाठ में 28, सुलेख लेखन में 24 बच्चों को पुरस्कार दिए गए। उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी में अपने मंतव्यों को प्रस्तुत किया।

वहीं गीता सस्वर पाठ में 22 बच्चे विशेष आकर्षण के केंद्र बने जिन्होंने हरि ॐ कहकर शिक्षकों को संबोधित किया। धन्यवाद कहकर पुरस्कार ग्रहण किया।

ओलंपियाड में अंग्रेजी, सामान्य ज्ञान और विज्ञान विषय में कक्षा 1 और 2  के क्रमशः 25 छात्रों ने गोल्ड मेडल एवं 10 छात्रों ने डिस्टिंक्शन प्राप्त किया।

संगीत में 5, नृत्य में 5, स्पेलिंग टेस्ट में 6, पिक अप एंड रन रेस में 7 तथा आर्ट एंड क्राफ्ट साइंस प्रदर्शनी में बेहतर प्रदर्शन करने वाले 10 बच्चों को पुरस्कृत किया गया।

पूर्व प्राथमिक विभाग की प्रभाग प्रभारी श्रीमती ममता दास ने कहा कि यह आयोजन बाल प्रतिभाओं को पहचानने व सम्मान देने के लिए आयोजित किया गया है। ये पुरस्कार न केवल उन्हें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगी, बल्कि उनकी सफ़लता से हमारे स्कूल का नाम भी रोशन होगा।

प्राचार्य समरजीत जाना ने कहा कि अच्छी शिक्षा बच्चों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसलिए हम यहां अपने छात्रों को एक अच्छा वातावरण प्रदान करने के साथ-साथ हर दिन कुछ नया सिखाने लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने पुरस्कार न जीतने वाले छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि जिन्होंने कोई पुरस्कार नहीं जीता है, वे निराशहीं न हों क्योंकि यह सब कुछ का अंत नहीं है। भविष्य में आपके पास अपनी योग्यता साबित करने के कई अवसर होंगे। स्कूल पुरस्कार समारोह सिर्फ एक शुरुआत है।

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