हल्द्वानी हिंसा को लेकर डीएम ने किया बड़ा खुलासा, जानें क्‍या बताया

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उत्तराखंड। अतिक्रमण हटाओ अभियान के बाद हल्द्वानी में भड़की हिंसा में अब तक दो मारे गए हैं। हिंसा के बाद सरकार ने दंगाईयों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया था। हल्द्वानी के हिंसा प्रभावित इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। हिंसा को लेकर नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने 9 फरवरी को बड़ा खुलासा किया।

कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई

डीएम ने कहा कि होई कोर्ट के आदेश के बाद हल्द्वानी में जगह-जगह अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई। सभी को नोटिस और सुनवाई के अवसर दिए गए। कुछ ने होई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कुछ को समय दिया गया। कुछ को समय नहीं दिया गया। जहां समय नहीं दिया गया, वहां पीडब्ल्यूडी और नगर निगम की ओर से डिमोलिशन अभियान चलाया गया। यह कोई पृथक गतिविधि नहीं थी। किसी विशेष परिसंपत्ति को टारगेट करके की गई गतिविधि नहीं थी।

अभियान शांतिपूर्ण ढंग से

वन्दना सिंह ने कहा कि हमने डिमोलिशन अभियान जारी रखने का फैसला किया, क्योंकि परिसंपत्तियों पर कोई रोक नहीं था। किसी व्यक्ति का अधिकार नहीं था। विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमण हटाने की कानूनी प्रक्रिया चल रही है और इसलिए यहां भी ऐसा किया गया। हमारी टीमें और संसाधन मूव हुई। किसो को उकसाया या नुकसान नहीं पहुंचाया गया, जिससे जनसंपत्ति की हानि हमारी टीमों (पुलिस और प्रशासन) के माध्यम से हो। अभियान शांतिपूर्ण ढंग से शुरू हुआ। पूरी प्रक्रिया ठीक से होने के बावजूद आधे घंटे के भीतर एक बड़ी भीड़ ने हमारी नगर निगम टीम पर पहला हमला किया।

थाना पर पेट्रोल बम से हमला

डीएमने कहा कि परिसंपत्तियों के नुकसान में मुख्य रूप से थाना को पूरी तरह से नुकसान हुआ है। भीड़ ने पुलिस स्टेशन को क्षतिग्रस्त कर दिया। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। आरोपियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह सांप्रदायिक घटना नहीं थी। इसे सांप्रदायिक या संवेदनशील नहीं बनाया जाए। किसी विशेष समुदाय ने जवाबी कार्रवाई नहीं की। यह राज्य मशीनरी, राज्य सरकार और कानून व्यवस्था की स्थिति को चुनौती देने का एक प्रयास था। भीड़ ने थाने को घेर लिया और थाने के अंदर मौजूद लोगों को बाहर नहीं आने दिया गया। उन पर पहले पथराव किया गया और फिर पेट्रोल बम से हमला किया गया। थाने के बाहर वाहनों में आग लगा दी गई। धुएं के कारण दम घुटने लगा। पुलिस थाने की सुरक्षा के लिए ही आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया।

हमले की योजना पहले से

वन्दना सिंह ने कहा कि ये योजना बनाई गई थी कि जिस दिन डिमोलिशन अभियान चलाया जाएगा उस दिन बलों पर हमला किया जाएगा। हमने पत्थरों वाली पहली भीड़ को तितर-बितर कर दिया। दूसरी भीड़ जो आई उसके पास पेट्रोल से भरे बोतल थे, उसमें उन्होंने आग लाग के फेंकी। तब तक हमारी टीम ने कोई बल प्रयोग नहीं किया था। आप वीडियो में देख सकते हैं कि पुलिस बल किसी को उकसा और मार नहीं रहा है या किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहा है।

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