नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर बन गया। इसके बाद काशी और मथुरा का विवाद कोर्ट में चल रहा है। कोर्ट के आदेश के ज्ञानवापी में हुई सर्वे में मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाए जाने की बात सामने आई है। इस बीच मोदी की आलोचक रही शेहला रशीद ने काशी और मथुरा पर मुस्लिम पक्ष को सलाह दी है।
शेहला रशीद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की छात्रा रही है। एक समय वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कट्टर आलोचक रहीं है। हाल के दिनों में मोदी के प्रति उसके रूख में नरमी देखी जा रही है। वह कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने सहित मोदी के कई निर्णय को अच्छा कदम बता चुकी है।
शेहला रशीद ने सबूतों की प्रचुरता के कारण काशी और मथुरा में मुस्लिम पक्ष की ओर से स्वैच्छिक सुलह के समर्थन में राय साझा की। उन्होंने साझा किया, ‘हम मुसलमान जानते हैं कि जहां बाजार मूल्य पर जमीन का अधिग्रहण नहीं किया गया है, वहां नमाज मान्य नहीं है। यदि सबूतों की कमी अयोध्या मामले को लड़ने का कारण थी, तो क्या काशी, मथुरा में सबूतों की प्रचुरता को स्वैच्छिक सुलह का आधार नहीं बनाया जाना चाहिए।‘
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