नई दिल्ली। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही भारतीय बाजार को लेकर एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। भारत के शेयर बाजार ने पहली बार दक्षिण एशियाई देश के लिए एक और उपलब्धि हासिल करते हुए हांगकांग को पीछे छोड़ दिया है, जिसकी विकास संभावनाओं और नीतिगत सुधारों ने इसे निवेशकों का प्रिय बना दिया है।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत हांगकांग को पछाड़कर दुनिया का चौथा सबसे बड़ा शेयर बाजार बन गया। आंकड़ों के अनुसार, भारतीय एक्सचेंजों पर लिस्टेड शेयरों का संयुक्त मूल्य सोमवार को बंद होने तक 4.33 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जबकि हांगकांग के लिए 4.29 ट्रिलियन डॉलर था।
यह भारत को पहली बार वैश्विक स्तर पर चौथा सबसे बड़ा इक्विटी बाजार बनाता है। इसका शेयर बाजार पूंजीकरण 5 दिसंबर को पहली बार 4 ट्रिलियन डॉलर को पार कर गया था। भारतीय शेयर बाजार में तेजी से बढ़ते रिटेल इन्वेस्टर बेस, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) से लगातार फंड इनफ्लो, मजबूत कॉर्पोरेट आय और घरेलू व्यापक आर्थिक बुनियादी चीजों की बढ़त के कारण मजबूती आई है।
भारत ने अपने स्थिर राजनीतिक और कंस्यूमर बेस्ड इकोनॉमी के कारण वैश्विक निवेशकों और कंपनियों को आकर्षित करते हुए खुद को चीन के विकल्प के रूप में स्थापित किया है। फिलहाल भारत विश्व के सबसे तेजी से बढ़ने वाले देशों में से एक है। हांगकांग के बाज़ारों में गिरावट आई है, जहां चीन की कुछ सबसे प्रभावशाली और स्टार्टअप कंपनियां लिस्टेड हैं।
चीनी और हांगकांग के शेयरों का कुल बाजार मूल्य 2021 में अपने चरम के बाद से $6 ट्रिलियन से अधिक गिर गया है। ब्लूमबर्ग ने कहा है कि एक समय एशिया की वित्तीय गतिविधियों का केंद्र रहा हांगकांग initial public offerings (IPO) के लिए दुनिया के सबसे मशहूर बाजारों में से एक के रूप में अपनी स्थिति खो रहा है, क्योंकि हांगकांग में नई लिस्टिंग करीब-करीब बंद हो गई है।