CCL : गोविंदपुर फेज 2 के कोयले की गुणवत्ता की जांच की उठी मांग

झारखंड
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प्रशांत अंबष्‍ठ

गोमिया। झारखंड के बोकारो स्थित सीसीएल (CCL) के गोविंदपुर फेज 2 से उत्पादित कोयले की गुणवत्ता की जांच पुन: कराने की मांग उठी है। राज्य समन्वय समिति के सदस्य सह मंत्री (दर्जा प्राप्त) योगेंद्र प्रसाद महतो ने इस संबंध में केंद्रीय कोयला मंत्री को पत्र भेजा है।

महतो ने डीओ होल्डर एसोसिएशन स्वांग, गोविंदपुर फेज 2 से प्राप्त आवेदन के आलोक में कोयला मंत्री से यह मांग की। उन्‍हें बताया कि गोविंदपुर फेज 2 की वाशरी 2 क्वालिटी कोयले का उठाव ई-ऑक्‍शन के माध्यम से डीओ होल्डरों द्वारा किया जाता है। उक्त कोयले की क्वालिटी वाशरी 2 की नहीं है। इसकी क्‍वालिटी वाशरी 3 की है।

अगस्त, 2023 में 8,000 टन कोयले का उठाव डीओ होल्डरों द्वारा कोयले की खराब गुणवत्ता के कारण नहीं किया गया है। इसके कारण सीसीएल प्रबंधन द्वारा जमा ईएमडी काट ली गई है। ईएमडी कटने से स्थानीय एवं विस्थापित डीओ होल्डरों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है।

महतो ने कहा है कि सीसीएल प्रबंधन ने 27 सितंबर, 2023 के पत्र में गोविंदपुर फेज 2 में उत्पादित कोयला आरओएम को वाशरी 4 कैटेगरी का बताया है। वहीं, 12 अक्‍टूबर, 2023 के पत्र में उत्पादित कोयले को वाशरी 2 कैटेगरी का बताया है। यह विरोधाभासी है।

पत्र में महतो ने केंद्रीय कोयला मंत्री से गोविंदपुर फेज 2 द्वारा उत्पादित कोयले की गुणवत्ता की जांच पुनः कराने के लिए दिशा निर्देश सीसीएल प्रबंधन को देने का आग्रह किया है, ताकि सही कैटेगरी/क्‍वालिटी के कोयले का उठाव डीओ होल्डरों द्वारा किया जा सके। जिससे सभी आर्थिक नुकसान से बच सकें।

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