अंबुजा सीमेंट्स ने चंद्रपुर के ग्रामीण क्षेत्र में अपशिष्ट प्रबंधन में किया बदलाव

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अहमदाबाद। अंबुजा सीमेंट्स ने महाराष्ट्र के चंद्रपुर के कुकुडसाथ गांव में लाइटहाउस पहल लागू की है। कंपनी ने यह पहल अपनी सीएसआर शाखा के माध्यम से स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के हिस्से के रूप में शुरू की है। इस पहल का उद्देश्य प्रभावी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ाने और 3आर- रीड्यूस, रीयूज और रीसाइक्लिंग के सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित करना है।

अंबुजा सीमेंट्स की एक सहयोगी पहल ‘लाइटहाउस इनिशिएटिव’ कुकुडसाथ, मांगी बुज और उप्पर्वाही गांवों में लागू की गई है। 2016 में स्मार्ट ग्राम पुरस्कार के साथ अपने असाधारण स्वच्छता प्रयासों के लिए पहचाने जाने वाले कुकुडसाथ गांव ने अपने विभिन्न स्वच्छता मेट्रिक्स में सुधार करने में उल्लेखनीय प्रगति दिखाई है। इसके अतिरिक्त, समुदाय ने विभिन्न सस्टेनेबल प्रणालियों को लागू किया है, जैसे कि आरओ पानी का उपयोग, मैजिक पिट्स के माध्यम से अपशिष्ट-जल प्रबंधन के इनोवेटिव तरीकों को अपनाना और सौर पैनलों की स्थापना करना।

इन प्रयासों के बावजूद, कुकुडसाथ गांव को घरेलू स्तर पर कचरा संग्रहण और इस कचरे को अलग-अलग करने से संबंधित एक महत्वपूर्ण चुनौती का सामना करना पड़ा है। कई घर अभी भी गीले, सूखे और प्लास्टिक के कचरे सहित सभी प्रकार के कचरे को इकट्ठा करने के लिए तेल के टिन के बक्सों का उपयोग कर रहे थे।

इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए अंबुजा सीमेंट्स ने पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) और चुनिंदा कॉरपोरेट्स के सहयोग से लाइटहाउस पहल को लागू करने का बीड़ा उठाया है। यह चयनित राज्यों में लगभग 75 ग्राम पंचायतों को लक्षित करेगा। परियोजना एसबीएम 2 दिशानिर्देशों के आधार पर जागरूकता और प्रेरणा कार्यक्रमों की एक श्रृंखला के साथ शुरू हुई। यह सुनिश्चित किया गया कि ग्राम विकास समिति के सदस्यों, स्वयं सहायता समूह, किशोर समूह, महिलाएं और पीआरआई सदस्यों को शामिल करके उचित ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन समाधान लागू किए जाएं।

इस दिशा में लोगों के बीच जागरुकता को और बढ़ावा देने के लिए कचरा-संग्रह की प्रभावी प्रणाली लागू की गई और कचरे को अलग-अलग करने के बारे में लोगांे को और अधिक जानकारी देने के लिए मॉडल गांवों, राजगढ़ और कोसंबी में एक एक्सपोज़र विजिट का आयोजन किया गया था।

घरेलू स्तर पर कचरे को अलग-अलग करने के काम को प्रोत्साहित करने के लिए, कुकुडसाथ ग्राम पंचायत ने प्रत्येक घर में दो कूड़ेदान वितरित किए, जिससे स्रोत पर ही कचरे को अलग-अलग करने की सुविधा मिलने लगी। इसके अतिरिक्त, अंबुजा सीमेंट्स ने सामुदायिक स्तर पर कचरा संग्रहण के लिए उदारतापूर्वक 16 बड़े कूड़ेदान (प्रत्येक 120-लीटर) प्रदान किए।

ग्राम पंचायतें अब ग्रांटा गाडी के माध्यम से बड़े कूड़ेदानों से कुशलतापूर्वक कचरा इकट्ठा कर रही हैं। नाडेप इकाई में जिम्मेदारी से इसका निपटान कर सकती हैं। एसबीएम विभाग के समन्वय से खाद के दो गड्ढों और बाड़ लगाने के साथ एक ठोस अपशिष्ट पृथक्करण शेड भी संचालित किया जा रहा है।

सीमेंट बिजनेस के सीईओ अजय कपूर ने कहा, ‘अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए पेयजल और स्वच्छता विभाग के साथ सहयोग करने पर हमें गर्व है। निश्चित तौर पर अब दूसरे गांव और ब्लॉक भी अपशिष्ट प्रबंधन में दक्षता और प्रभावशीलता के समान मानकों को प्राप्त करने के लिए प्रयास करेंगे। इस तरह इन लाइटहाउस-गांवों की सफलता अन्य गांवों और ब्लॉकों के लिए प्रेरणा के तौर पर एक प्रकाशस्तंभ के रूप में काम करेगी।’

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