- विद्युत क्षेत्र के लिए भेजा गया 400 एमटी से अधिक कोयला
नई दिल्ली। कोयला मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 1012 मिलियन टन कोयले का उत्पादन कर उसे उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। वित्त वर्ष की पहली छमाही में रिकॉर्ड प्रदर्शन करते हुए मंत्रालय ने 17 अक्टूबर, 2023 तक 500 मिलियन टन (एमटी) कोयला प्रेषण करने में सफलता हासिल की है। पहली छमाही के 200 दिनों में मॉनसून का मौसम होने के बावजूद 500 एमटी कोयले का प्रेषण एक अद्वितीय उपलब्धि है।
वर्ष की दूसरी छमाही में उत्पादन और प्रेषण की दर सामान्यत: वर्ष की पहली छमाही की तुलना में अधिक होती है। इसलिए मंत्रालय को उम्मीद है कि इस वर्ष कोयले का प्रेषण एक अरब टन से अधिक हो जाएगा। पिछले वित्त वर्ष के दौरान, 9 नवंबर, 2022 तक 500 एमटी टन कोयला प्रेषण का लक्ष्य हासिल किया गया था, जबकि चालू वित्त वर्ष के दौरान यह लक्ष्य उक्त अवधि के 23 दिन पहले ही प्राप्त कर लिया गया।
गौरतलब है कि इस 500 एमटी कोयले में से 416.57 एमटी कोयला बिजली क्षेत्र के लिए और 84.77 एमटी गैर-नियामक क्षेत्र के लिए भेजा गया। बिजली क्षेत्र में कोयला परिवहन की वृद्धि दर साल दर साल 7.27 प्रतिशत है और गैर-विनियमित क्षेत्र में साल दर साल 38.02 प्रतिशत है। 31 मार्च, 2023 तक 893.19 एमटी कोयला प्रेषित किया गया था।
यह ध्यान देने की बात है कि कोयला मंत्रालय की इस ऐतिहासिक उपलब्धि में कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल), सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) और कैप्टिव/वाणिज्यिक खदानों का महत्वपूर्ण योगदान है।
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