नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में बुधवार को एक दिवसीय भव्य ‘मेगा ब्लड डोनेशन कैंप’ का आयोजन किया गया है। सुबह 8 बजे से शुरू यह कैंप रात्रि 8 बजे तक चलेगा। शुरुआती दौर में ही देश के सैकड़ों जवान इस ब्लड डोनेशन कैंप में बढ़चढ़ हिस्सा ले रहे हैं। सुबह से ही लगातार सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के जवानों ने बढ़कर हजारों की संख्या में रक्तदान किया। एम्स में ब्लड बैंक की ओर से एक दिवसीय भव्य ‘मेगा ब्लड डोनेशन कैंप’ का आयोजन किया गया है।
‘मेगा ब्लड डोनेशन कैंप’ में ब्लड डोनेट करने वालों को एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने सभी जवानों और आम लोगों को सर्टिफिकेट दिए। डॉ. गुलेरिया ने बताया कि रक्तदान ही सबसे बड़ा महादान है और हमें जरूरतमंद लोगों के लिए रक्तदान अवश्य करना चाहिए। मैं आम जनता से भी अपील करता हूं कि वह लोग एम्स में ज्यादा से ज्यादा संख्या में आकर रक्तदान करें, क्योंकि अगर हमारे पास ज्यादा रक्त रहेगा तो हम ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचा सकते हैं।
‘मेगा ब्लड डोनेशन कैंप’ में पहुंचे सेना के अधिकारियों ने बताया कि हमारे फोर्स के जवान करीब तीन हजार की संख्या में ब्लड डोनेट कर रहे हैं। हम आम जनता से भी यही अपील करते हैं कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में आकर इस ‘मेगा ब्लड डोनेशन कैंप’ में हिस्सा लें। जिन लोगों को आखिरी समय में रक्त की जरूरत होती है अगर हमारे अस्पताल में आखिरी समय में रक्त रहता है और वह किसी दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को मिल जाता है तो वह उसके लिए वरदान साबित होता है। रक्त रहने पर हमेशा जरूरतमंदों की जान बचाई जा सकती है, इसलिए हम सभी को आगे आकर रक्तदान करना चाहिए।