Jharkhand: कुख्यात अपराधी सुजीत सिन्हा का भाई अरुण सिन्हा छत्तीसगढ़ में यहां से गिरफ्तार

झारखंड
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पलामू। बड़ी खबर ये आयी है कुख्यात अपराधी सुजीत सिन्हा के बड़े भाई अरुण सिन्हा को पुलिस ने छत्तीसगढ़ के रायपुर से गिरफ्तार किया है। नेशनल हाईवे 98 के निर्माण कार्य में लगी शिवालय कंस्ट्रक्शन कंपनी के चपरवार साइड पर रंगदारी के लिए फायरिंग मामले में पुलिस ने यह गिरफ्तारी की है।

उसके मोबाइल फोन से कई अहम सुराग पुलिस को मिले हैं, जिस पर पुलिस कार्रवाई कर रही है। रंगदारी के पैसे को झारखंड के रियल स्टेट में बड़े निवेश की भी जानकारी मिली है। पुलिस ने अरुण सिन्हा के पास से दो मोबाइल फोन जप्त किए हैं।

सुजीत सिन्हा के जेल में रहने के कारण उसके काले साम्राज्य को अरुण सिन्हा ही संचालित कर रहा था। शनिवार की शाम एसपी कार्यालय में पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि 27 जून को एनएच 98 कंस्ट्रक्शन साइट पर गोली चालन के बाद अनुसंधान के दौरान सामने आया था कि इसके पीछे कुख्यात अपराधी सुजीत सिन्हा का हाथ है। इसके गिरोह से जुड़े रांची के कांके से जिशान शेख उर्फ रिक्की को गिरफ्तार किया था।

उसने पूछताछ के दौरान सुजीत सिन्हा गैंग में अरुण सिन्हा की बड़ी भूमिका बताते हुए कई अहम जानकारी दी थी। यह भी बताया था कि गोली कांड के बाद अरुण सिन्हा ने उससे अपडेट लिए थे और जरूरी दिशा निर्देश भी दिए थे। रिक्की रंगदारी के पैसे वसूलने के बाद अरुण सिन्हा तक पहुंचाता था।

एसपी ने जानकारी दी कि रिक्की की सूचना पर अरुण सिन्हा की गिरफ्तारी के लिए एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया गया, जिसका नेतृत्व सहायक पुलिस अधीक्षक ऋषभ गर्ग ने किया। उनके नेतृत्व में एक टीम छत्तीसगढ़ गई और रायपुर के गुरूहरी थाना क्षेत्र के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की। इस क्रम में बसंत बिहार गेट नंबर 2, गली नंबर 8-1 गोंदुवारा तालाब के पास से अरुण सिन्हा को गिरफ्तार किया।

पूछताछ के क्रम में सुजीत सिन्हा गिरोह का संचालन अरुण सिन्हा द्वारा ही किए जाने की जानकारी प्राप्त हुई है तथा इसके पास से दो मोबाइल फोन बरामद हुआ। एसपी ने बताया कि अरुण सिन्हा के मोबाइल से रियल स्टेट के बिल्डर के नाम मिले हैं।

इन्वेस्टमेंट की जानकारी प्राप्त हुई है। मोबाइल के माध्यम से बैंक की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि नेशनल हाईवे कंस्ट्रक्शन कंपनी को मलेशिया के मोबाइल नंबर से फिरौती की रकम देने के लिए धमकी दी गई थी।