माफिया मुख्तार अंसारी के करीबी, गैंगस्टर जीवा की गोली मारकर हत्या, कोर्ट परिसर में वकील के वेश में पहुंचा था हमलावर

उत्तर प्रदेश अपराध देश
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उत्तर प्रदेश। हैरान कर देने वाली खबर उत्तर प्रदेश के लखनऊ से आयी है। यहां कैसरबाग कोर्ट परिसर में मुख्तार अंसारी के करीबी माने जाने वाले गैंगस्टर संजीव महेश्वरी जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। एक बच्ची को भी गोली लगी है। वारदात में एक पुलिसकर्मी भी घायल हुआ है।

यूपी में दो महीने के भीतर पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच किसी हत्या का यह दूसरा मामला है। इससे पहले प्रयागराज में 15 अप्रैल को माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की पुलिस हिरासत के दौरान मीडिया की वेशभूषा में आए बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। 

गैंगस्टर संजीव महेश्वरी जीवा पर गोली चलाने वाला हमलावर वकील की ड्रेस में आया था। पुलिस ने हमलावर को हिरासत में ले लिया है। जीवा बीजेपी नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या का आरोपी था। जीवा यूपी के शामली जिले का रहने वाला था। उसके खिलाफ 22 से ज्यादा मामले दर्ज थे। जीवा की पत्नी पायल महेश्वरी ने 2017 में मुजफ्फरनगर सदर विधानसभा सीट से राष्ट्रीय लोक दल के बैनर पर चुनाव लड़ा था। 

संजीव जीवा को गोली मारने वाले हमलावर की पहचान विजय यादव, पुत्र श्यामा यादव, निवासी केराकत, जिला जौनपुर के रूप में हुई है। पुलिस छानबीन में जुटी है। इस बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने घटना पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि ‘अगर सपा कुछ कह देगी तो कहेंगे कि सपा ने मरवा दिया।’

लखनऊ के संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) उपेंद्र कुमार अग्रवाल ने बताया कि संजीव जीवा को गोली लगी है, उसे अस्पताल भेजा गया है। जीवा को कोर्ट परिसर में लाने वाले दो पुलिसवालों को भी चोटें आई हैं। उन्हें भी हॉस्पिटल भेजा गया है। बच्ची भी ट्रॉमा सेंटर में भर्ती है। घटना के बारे में आगे अपडेट दिया जाएगा।

वारदात को लेकर कोर्ट परिसर में मौजूद वकील काफी आक्रोश में हैं। चश्दीदों ने एबीपी न्यूज को बताया कि एक बच्ची को भी गोली लगी है। एक महिला वकील ने कहा, ”एक महिला को गोली लगती है, एक बच्चा गोद में मर जाता है। किसकी जिम्मेदारी है?” 

चश्मदीदों के मुताबिक, हमलवार ने संजीव जीवा के ऊपर 5-6 गोलियां चलाईं। एक शख्स ने कहा कि प्रयागराज में जो (अतीक अहमद की हत्या) हुआ उसकी पुनरावृत्ति हुई है। शासन वहां भी सतर्क नहीं हुआ, यहां भी नहीं हुआ। जीवा को मारने के लिए वेल प्लांड लोग आए थे। उसने कहा कि बार से बराबर लेटर जा रहा है कि जिला अदालत में सुरक्षा नहीं है। ये पुलिस प्रशासन का काम है। 

कोर्ट परिसर में एक वकील ने वारदात के वक्त मौके पर मौजूद होने का दावा करते हुए कहा, ”मेरे सामने फायरिंग हुई, छह गोली उसने चलाई, गोली एक बच्ची को लगी, एक कॉन्सटेबल को लगी, एक आदमी को लगी, एससी-एसटी कोर्ट के गेट पर गोली लगी, मैं स्वयं कोर्ट के अंदर मौजूद था। हम लोगों ने किसी तरह अपनी जान बचाई है। उस समय काफी पुलिसकर्मी कोर्ट के अंदर भी मौजूद थे, जिन्होंने (हमलावर को) पकड़ने की कोशिश की।”

वकील ने आगे कहा, ”अंदर कम से कम 8 से 10 पुलिसवाले मौजूद थे। हमलावर अकेला ही था। गोली लगने के बाद जीवा गेट पर गिर गया था। कोई एंबुलेंस नहीं आ पाई। अगर किसी अधिवक्ता को कुछ हो जाए तो एंबुलेंस आ नहीं सकती है। बच्ची को गोली लगी, बच्ची भी जख्मी है, उसको भी बलरामपुर ले गए हैं। हम और हमारे भाई कोर्ट में मौजूद थे।” 

एक वकील ने कहा, ”मैं हर दिन आता हूं यहां लेकिन आज जो हुआ है, ये बड़ा शर्मनाक है। उस बच्ची को मैंने देखा है, मैं गेट नंबर 4 से आ रहा था। बच्ची खून से लथपथ थी। बच्ची की आयु महज 3-4 साल की रही होगी। उसकी पीठ में गोली लगी थी। पीछे-पीछे उसकी मां भागती जा रही थी, उसके हाथ में गोली लगी हुई थी। साथ उसका पिता था जो बच्ची को उठाकर ले जा रहा था, वो अपनी बच्ची के लिए तड़प रहा था, रो रहा था, ये कैसा कोर्ट में हो रहा है। 

वकीलों ने कहा, ”हम लोगों की भी जांच होती है लेकिन पुलिस कैसे जांच करती है, कैसे इनके सारे सिस्टम काम कर रहे हैं, जरा एक बार आकर पुलिस को ही अपना सारा कुछ चेक कर लेना चाहिए।” एक वकील ने बताया, ”जीवा पहले (कोर्ट रूम से) बाहर ही था, उसको जब गोली लगी तब वह अंदर की तरफ भागा था।” फिलहाल पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है।