रांची। झारखंड (Jharkhand) में ड्रॉपआउट बच्चों की संख्या 53 हजार से अधिक है। उनकी वापसी के लिए शिक्षा विभाग 16 जून से राज्य के सभी स्कूलों में अभियान चलाएगा। इसका आदेश 23 मई को शिक्षा सचिव के रवि कुमार ने जारी किया है। इसकी जानकारी सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक को भी दी है।
सचिव ने आदेश में लिखा है कि ‘समग्र शिक्षा’ का मुख्य लक्ष्य 6 से 18 आयुवर्ग के सभी बच्चों का विद्यालयीय शिक्षा पूर्ण कराना है। विगत वर्षों में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से लक्ष्य प्राप्ति के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि ड्रॉप आउट में आपेक्षित प्रगति परिलक्षित नहीं हो रही है। 5 से 18 आयुवर्ग के सभी बच्चों की शिक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है।
सचिव ने लिखा है कि 5 से 18 आयुवर्ग के सभी बच्चों के सभी बच्चों को पुनः विद्यालय में वापस लाना एवं नियमित अध्यापन कार्य का सम्पादन किया जाना है। इसको ध्यान में रखते हुए विद्यालय स्तर पर एक अभियान ‘स्कूल रुआर, 2023’ (Back to School Campaign) कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। स्कूल रुआर की अवधि 30 दिनों की होगी। यह 16 जून से 15 जुलाई, 2023 तक संचालित की जाएगी।
स्कूल रुआर की अवधारणा के अनुसार दैनिक गतिविधियों का आयोजन करते हुए बच्चों की नामांकन एवं ठहराव सुनिश्चित की जाए। देखा जा रहा है कि ई-विद्यावाहिनी में दर्ज की गई अगली कक्षा में नामांकन बच्चों का प्रतिशत भी अपेक्षाकृत कम है। साथ ही, ग्राम शिक्षा रजिस्टर के अनुसार 6 से 18 आयुवर्ग के 53,247 अनामांकित एवं छीजित बच्चों का नामांकन सुनिश्चित करना है।
सचिव ने लिखा है कि बच्चों को विद्यालय में वापस लाना एवं नियमित उपस्थिति बनाए रखना अभी एक चुनौती है। इस जिम्मेवारी को समुचित रूप से निभाने के लिए सामूहिक प्रयास क्रमशः विद्यालय प्रबंधन समिति, शिक्षक, पंचायत प्रतिनिधि, समाजसेवी, जन-प्रतिनिधि, शिक्षा से जुड़े कर्मी/अधिकारी की भागीदारी से प्रारंभ करने की आवश्यकता है।
इस प्रयास से प्रवासी बच्चों, विद्यालय से बाहर रह गए बच्चे एवं विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के माता-पिता/अभिभावक तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा। सुनिश्चित किया जायगा कि एक भी बच्चा विद्यालय से बाहर नहीं रहे। 6 से 18 आयुवर्ग के सभी बच्चे विद्यालय में नामांकित हों एवं अपनी माध्यमिक शिक्षा पूर्ण करें।