प्रशांत अंबष्ठ
गोमिया (बोकारो)। गोमिया प्रखंड अंतर्गत साड़म के होसिर मौजा में पहले कभी बाजार लगा करता था। सप्ताह में प्रत्येक बुधवार को लगने वाले बाजार को ग्रामीण बुधनी बाजार के नाम से जानते थे। वर्ष 1970 के पूर्व तक सरकार बुधनी बाजार का डाक भी कराती थी। डाक बंद करने के बाद उक्त बाजार पर प्रशासन ने ध्यान देना छोड़ दिया। कुछ समय में बुधनी बाजार की जमीन पर अतिक्रमण किया जाने लगा। इस कारण बुधनी बाजार अतीत के पन्ने में दफन हो गया है।
साड़म-होसिर के ग्रामीण सरकार से बुधनी बाजार को फिर से जीवित करने की मांग कर रहे हैं। होसिर के पूर्व मुखिया घनश्याम राम ने बताया कि साड़म बाजार क्षेत्र के होसिर मौजा स्थित खाता संख्या 458, प्लॉट संख्या 4711 में 1.65 एकड़ एवं प्लॉट संख्या 4712 में 09 डिसमिल (कुल 1.74 एकड़) जमीन सैरात की है। इस पर कभी बुधनी बाजार लगा करता था। इस बात का उल्लेख खतियान में भी है।
ग्रामीणों ने बुधनी बाजार को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए गोमिया अंचल कार्यालय में आवेदन दिया गया है। आवेदन के आलोक में गोमिया अंचल के सीएसई लालमोहन दास की जांच प्रतिवेदन पर अंचल अधिकारी ने अतिक्रमण करने वालों को नोटिस भी निर्गत किया गया था। यह मामला आज भी विचाराधीन है।
बताया जाता है कि अतिक्रमणकारी हुक्मनामा को आधार बनाकर बुधनी बाजार के भू-भाग पर दखल को कानून सम्मत ठहराने में लगे हुए हैं। हालांकि जमींदारी प्रथा उन्मूलन के बाद भी बाजार का डाक होते रहा है।
अंचल अधिकारी द्वारा बुधनी बाजार के अतिक्रमणकारियों को नोटिस निर्गत करने के बाद से ग्रामीण, छोटे फुटकर दुकानदार, सब्जी विक्रेता, मछली विक्रेता आदि में आशा की किरण जगी है। उन्हें यकीन है कि अतिक्रमणकारियों से उक्त जमीन को सरकार खाली कराएगी। एक बार फिर बुधनी बाजार गुलजार होगा।