नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय में मनाई गई डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती

झारखंड
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रांची। नाबार्ड के झारखंड क्षेत्रीय कार्यालय में प्रसिद्ध समाज सुधारक, अर्थशास्त्री, वकील और संविधान निर्माता भारतरत्न डॉ भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती मनाई गई। मुख्‍य अतिथि डॉ रामदयाल मुंडा आदिवासी कल्याण अनुसंधान संस्थान के निदेशक रणेंद्र कुमार थे।

रणेंद्र कुमार ने भारत के संविधान काम सौदा तैयार करने में डॉ अंबेडकर की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि भारत की संविधान सभा के तीन प्रतिष्ठित सदस्य झारखंड से थे। इनमें अर्थात्जय पाल सिंह मुंडा, बोनिफेस लकड़ा और देवेंद्रनाथ मुंडा शामिल हैं। उनके योगदान को याद रखने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

कुमार ने संविधान में निहित प्रस्तावना, मौलिक अधिकारों और राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों के महत्व पर जोर दिया, जो राष्ट्र को प्रगति और समावेशिता की दिशा में मार्गदर्शन करने में महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने दर्शकों से सीखने की प्रवृत्ति विकसित करने और न केवल रोजगार के लिए अध्ययन करने, बल्कि समाज में सकारात्मक योगदान देने के लिए व्यापक दृष्टिकोण के साथ ज्ञान प्राप्त करने का भी आग्रह किया।

नाबार्ड के मुख्‍य महाप्रबंधक डॉ एमएस राव ने समाज के वंचित वर्गों के अधिकारों की वकालत करने के लिए डॉ अम्बेडकर के अथक प्रयासों और एक न्यायसंगत एवं न्यायपूर्ण समाज के लिए उनके दृष्टिकोण की सराहना की। उन्होंने डॉ अम्बेडकर द्वारा परिकल्पित सिद्धांतों और आदर्शों के अनुरूप ग्रामीण विकास और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए नाबार्ड की प्रतिबद्धता को दोहराया।

कार्यक्रम में नाबार्ड के अधिकारी, कर्मचारियों के सदस्यों और अन्य व्यक्तियों ने भाग लिया। यह आयोजन डॉ भीमराव अम्बेडकर की स्मृति को एक उपयुक्त श्रद्धांजलि थी, जिनकी विरासत देश को अधिक समावेशी और प्रगतिशील भविष्य की ओर प्रेरित और निर्देशित करती रही है।