Ranchi: निलंबित आईएएस अधिकारी विनय चौबे के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज

अपराध झारखंड
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रांची। निलंबित आईएएस अधिकारी विनय चौबे के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की गई है।

एसीबी द्वारा चौबे के खिलाफ कुल चार प्राथमिकी दर्ज करने के बाद अब डोरंडा निवासी दीपक कुमार ने भी चौबे के खिलाफ स्थानीय जगन्नाथपुर थाना में आपराधिक षड्यंत्र रचने, जालसाजी करने, धमकी देने और करोड़ों के व्यापार को हड़पने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करायी है।

दीपक कुमार ने चौबे के करीबी विनय कुमार सिंह को भी आरोपी बनाया है।बताया गया कि दीपक कुमार व विनय कुमार सिंह बिजनेस पार्टनर रहे हैं।

दीपक कुमार ने विनय सिंह के साथ मिल कर नेक्सजेन सॉल्युशन टेक्नॉलोजी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाया था। उसके बाद इस कंपनी को वाहन निर्माता कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा की कैपिटल डीलरशिप मिल गई।

दीपक कुमार के आरोपों के मुताबिक दीपक कुमार को विनय सिंह ने ही निलंबित आईएएस विनय चौबे से परिचय कराया था। दीपक कुमार ने अपने आवेदन में बताया कि उनके व्यापार और आमदनी की जानकारी मिलने पर विनय चौबे के मन में लोभ उत्पन्न हुआ और उन्होंने विनय कुमार सिंह के साथ मिलकर पूरे व्यापार पर कब्जा करने की षडयंत्र रचा।

उसके तहत विनय चौबे ने अपने भाई स्वर्गीय मनोज कुमार चौबे को उनकी दूसरी कंपनी फोन्ट सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड में जीएम के पद पर बैठाया। वर्ष 2006 में जब विनय चौबे पलामू में डीसी थे।

फोन्ट सिस्टम्स को पलामू सदर अस्पताल और झारखंड के अन्य जिलों में करोड़ों के उपकरण की आपूर्ति का टेंडर मिला। लेकिन कंपनी को होनेवाली आमदनी को हड़पने के उद्देश्य से कंपनी से दीपक कुमार को ही बाहर का रास्ता दिखाने की कोशिश की गई।

साजिश के तहत विनय चौबे ने अपने पद का दुरुपयोग कर तत्कालीन पलामू के सिविल सर्जन पर दबाब बनाया और पलामू में दो तथा रांची में एक फर्जी आपराधिक मामले में दीपक कुमार को गिरफ्तार करा दिया।

इतना ही नहीं दीपक कुमार ने आरोप लगाया कि वर्ष 2003 में विनय कुमार सिंह ने विशाल सिंह नाम व्यक्ति को कंपनी में लाकर बिना अनुमति दीपक कुमार के आधे शेयर को ट्रांसफर करने का भी प्रयास किया गया।

इसके लिए बैंक में हस्ताक्षर को बदला गया। दीपक कुमार ने जब इसका विरोध किया तो बैंक ने पुराना पैटर्न बहाल किया।

वर्ष 2006 में विनय कुमार सिंह पर आरोप है कि उन्होंने दीपक कुमार के जाली हस्ताक्षर बनाकर अपनी पत्नी स्निग्धा सिंह को नेक्सजेन सॉल्यूशन का निदेशक नियुक्त किया और उन्हें बैंक खाते से लेनदेन के लिए अधिकृत कर दिया।

दीपक ने कहा कि गिरफ्तारी और प्रताड़ना के बाद उन्हें विनय चौबे के दबाब में विनय कुमार सिंह के साथ समझौता करना पड़ा। समझौते के बाद कंपनी के खाते से 44 लाख रुपए निकाल कर स्निग्धा सिंह के पर्सनल खाते में जमा किया गया तथा दबाब डाल कर कई तरह से पैसे का लेनदेन कराया गया।

फिर साजिश के तहत उनके हिस्से के शेयर स्निग्धा सिंह ने खरीद कर उन्हें कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसके साथ ही दीपक कुमार ने पुलिस से विनय चौबे, विनय सिंह, स्निग्धा सिंह और अन्य विरुद्ध जांच की मांग की है।

इधर एसीबी ने निलंबित आईएएस विनय चौबे से जुड़े आय से अधिक संपत्ति मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके ससुर सत्येंद्र नाथ त्रिवेदी और साले क्षिपिज त्रिवेदी को समन भेजा है।

एसीबी ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में कांड संख्या 20/2025 दर्ज किया है। इस प्राथमिकी में विनय चौबे के साथ उनकी पत्नी स्वप्न संचिता, नेक्सजेन के मालिक विनय सिंह और उनकी पत्नी स्निग्धा सिंह, विनय सिंह के साले शिपिज त्रिवेदी, क्षिपिज की पत्नी प्रियंका त्रिवेदी और विनय चौबे के ससुर सत्येंद्र नाथ त्रिवेदी को भी आरोपी बनाया गया है।

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