रांची। ‘माटी के सुगंध, दिला में उमंग, झारखंड राइज़ हमार अभिमान रे…..’ ये बोल हैं उस गीत के जिसकी रचना श्रीमती मिताली घोष ने की है। इसे स्वर भी उन्होंने ही दिया है। झारखंड गठन के रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य पर तैयार यह गीत पूर्वी भारत के स्थापित संगीतकार, स्मृतिशेष बुलु घोष की कंपनी बीप्स की प्रस्तुति है।
बुलु घोष के निधन के कुछ समय बाद मिताली घोष रांची छोड़कर अपने पुत्र दिपायन घोष के साथ बेंगलुरु में रह रही हैं। हालांकि आज भी उनकी और दिवंगत बुलु की आत्मा, रांची में ही वास करती है, ऐसा उनका मानना है।
इस दंपति ने आजीवन झारखंड मे रहकर संगीत की उपासना और सेवा की है। यही कारण है कि आज भी इनकी सांसें यहां की मिट्टी एवं प्रकृति में बसी हुई हैं।
इस गीत के मध्यम से उन्होने भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि दी। झारखंडवासियों के मंगलकामना की अभिलाषा की।
मिताली घोष ने आजीवन अपने गीतों के शब्द और स्वर झारखंड को समर्पित करने की प्रतिबद्धता को दुहराई। इस गीत को शत्रु नायक ने संगीत दिया है। ओकटोपेड पर संगत सुदन ने की है। वीडियो एडिटिंग रवि महली ने की है। इसकी रिकॉर्डिंग बुबाय रॉय ने स्टूडियो ब्लीस में की है।
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