- किसान राष्ट्र निर्माण का आधार हैं : राज्यपाल
- 900 से अधिक विद्यार्थियों को उपाधि मिली
रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के 8वें दीक्षांत समारोह में छात्राओं ने परचम लहराया। दो चांसलर गोल्ड मेडल और 14 यूनिवर्सिटी गोल्ड मेडल में से 15 लड़कियों के नाम रहा। ये सभी सत्र 2018-19 से 2021-22 के बीच प्रवेश लेनेवाले विद्यार्थी हैं। बुधवार को 900 से अधिक विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गयी।
वर्ष 2023 में बागवानी महाविद्यालय, खूंटपानी, चाईबासा से बागवानी में स्नातक उत्तीर्ण करनेवाली विशालाक्षी चौबे को अपने सत्र में सभी विषयों के स्नातक, मास्टर्स और पीएचडी विद्यार्थियों में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने के लिए राज्यपाल सह कुलाधिपति द्वारा चांसलर गोल्ड मेडल प्रदान किया गया।
धनबाद के डीनोबिली विद्यालय से बारहवीं की पढ़ाई पूरी करनेवाली विशालाक्षी वर्तमान में इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में कृषि प्रसार शिक्षा विषय में पीएचडी कर रही हैं। इनकी माता संगीता चौबे और पिता जीतेंद्र चौबे धनबाद में ही निजी क्षेत्र में कार्यरत हैं। विशालाक्षी कृषि शिक्षा और अनुसंधान में अपना करियर बनाना चाहती हैं।
चांसलर गोल्ड मेडल प्राप्त करनेवाली दूसरी छात्रा इशिता ने वर्ष 2025 में कृषि महाविद्यालय, गढ़वा से कृषि में स्नातक किया। उस सत्र के सभी पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों में सर्वाधिक अंक प्राप्त किया। जमशेदपुर से बारहवीं पास करनेवाली इशिता अभी जेवियर समाज सेवा संस्थान, रांची ग्रामीण प्रबंधन में एमबीए कर रही है। ग्रामीण विकास प्रोफेशनल बनना चाहती हैं। इनकी माता सुजाता सरकार टाटा स्टील, जमशेदपुर में कार्यरत हैं।
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि राज्यपाल सह कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि किसान केवल ‘अन्नदाता’ ही नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का आधार हैं। उनका श्रम, धैर्य और समर्पण हमारे जीवन, हमारे समाज और हमारी अर्थव्यवस्था को स्थिरता प्रदान करता है। कृषि केवल उत्पादकता और आय से ही सम्बंधित नहीं है, बल्कि हमारी संस्कृति, परंपरा, परिवार, पर्यावरण और जीवन-दर्शन से गहराई से जुड़ी हुई है।
राज्यपाल ने कहा कि भारत आज दुनिया का सबसे युवा देश है, जिसकी लगभग 65% आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है। यह युवा शक्ति आने वाले 25 वर्षों में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी ही विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा, पहचान और उपलब्धि होते हैं, इसलिए आप जहां भी जाएं, अपनी मातृभूमि, अपने गांव, अपने किसान और अपनी जड़ों से जुड़े रहें, क्योंकि प्रगति तभी सार्थक है, जब उसकी रोशनी समाज तक पहुंचे।
समोराह के विशिष्ट अतिथि रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने डिग्री प्राप्त कर रहे छात्र-छात्राओं को विकसित भारत का ब्रांड अम्बेस्डर बताते हुए कहा कि आधुनिक कृषि तकनीकों के माध्यम से कृषि और सम्बद्ध क्षेत्रों में उत्पादकता बढ़ाना, किसानों का जीवन स्तर सुधारना और भारत को आत्मनिर्भर, समुन्नत और स्वाभिमानी बनाना उनके जीवन का मिशन होना चाहिए।
झारखंड में बागवानी की असीम संभावनाओं की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सांसद और मंत्री रहते हुए दिल्ली में उन्होंने हमेशा रांची की ही सब्जी मंगवाकर खाया, दिल्ली का नहीं। रांची के छीमी मटर में जो मिठास है, वह देश के किसी हिस्से के मटर में नहीं। न्यूजीलैंड के बाद दुनिया में सबसे बड़े आकार का गुलाब रांची में ही होता है। उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह दी कि जीवन में जिन गुरुओं से भी कुछ सीखने का अवसर मिला उनके प्रति हमेशा सम्मान और श्रद्धा रखें।
कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि वे समाज, राज्य और देश के बारे में पहले सोचें, अपने बारे में बाद में। राजनेताओं, अधिकारियों, वैज्ञानिकों, शिक्षकों सबका ध्येय ऐसा ही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश की 70 प्रतिशत आबादी की निर्भरता कृषि क्षेत्र पर है, किन्तु देश के सकल घरेलु उत्पाद (जीडीपी) में कृषि सेक्टर का योगदान 18 प्रतिशत ही है, जो अच्छा नहीं कहा जा सकता।
उत्पादकता और लाभप्रदता की कमी के कारण अधिकांश किसान खेती-बारी से नाता छोड़ना चाह रहे हैं, कृषि अधिकारी और वैज्ञानिक फील्ड में ज्यादा समर्पण से काम करें तो ऐसे किसानों की सोच बदल सकती है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढाने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए झारखंड सरकार की कई योजनायें हैं, जिन्हें बेहतर ढंग से धरातल पर उतारने और किसानों को उससे जोड़ने की जरूरत है।
स्वागत भाषण करते हुए बीएयू के कुलपति डॉ एससी दुबे ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाशा डाला। कहा कि स्थाई शिक्षकों-वैज्ञानिकों की कमी से कई मोर्चों पर काम प्रभावित हो रहा है। अकादमिक संचालन कुलसचिव डॉ शैलेश चट्टोपाध्याय ने किया। कुलाधिपति की रवानगी के बाद उपाधियों का वितरण कुलपति और विभिन्न संकायों के डीन और कालेजों के एसोसिएट डीन ने किया।
चांसलर गोल्ड मेडल
विशालाक्षी चौबे, बीएससी (बागवानी), सत्र 2019-20, बागवानी महाविद्यालय, खूंटपानी, चाईबासा
इशिता, बीएससी (कृषि), सत्र 2020-21, कृषि महाविद्यालय, गढ़वा
यूनिवर्सिटी गोल्ड मेडल
सुरभि सिन्हा, पीएचडी (कृषि), सत्र 2020-21,आनुवंशिकी एवं पौधा प्रजनन
सत्य प्रज्ञा कर, एमएससी (कृषि), सत्र 2020-21,कृषि-मौसम विज्ञान एवं पर्यावरण विज्ञान
शाल्वी ऐश्वर्या वर्मा, एमएससी (कृषि), सत्र 2021-22, आनुवंशिकी एवं पौधा प्रजनन
अम्बर अफसाना शिकोह, एमएससी (वानिकी), सत्र 2021-22, वनवर्धन एवं कृषि वानिकी
चिया रानी, एमबीए (कृषि व्यवसाय प्रबंधन), सत्र 2021-22, कृषि व्यवसाय प्रबंधन केंद्र, रांची
समीक्षा कुमारी, बीएससी (कृषि), सत्र 2019-20, कृषि महाविद्यालय, गढ़वा
इशिता, बीएससी (कृषि), सत्र 2020-21,कृषि महाविद्यालय, गढ़वा
विशालाक्षी चौबे, बीएससी (बागवानी), सत्र 2019-20, बागवानी महाविद्यालय, खूंटपानी, चाईबासा
कोमल सिन्हा, बीटेक (कृषि अभियंत्रण), सत्र 2019-20, कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय, रांची
ऐश्वर्या राय, बीवीएससी एण्ड एएच, सत्र 2018-19, रांची पशुचिकित्सा महाविद्यालय
अम्बिका राज, बीवीएससी एण्ड एएच, सत्र 2019-20, रांची पशुचिकित्सा महाविद्यालय
श्रेया आनंद, बीएफएससी, सत्र 2019-20, मत्सियिकी विज्ञान महाविद्यालय, गुमला
पलक कुमारी, बीएफएससी, सत्र 2020-21,मत्सियिकी विज्ञान महाविद्यालय, गुमला
साक्षी आनंद, बीएससी (वानिकी), सत्र 2019-20, वानिकी महाविद्यालय, रांची
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