उपायुक्त ने किया मेराल प्रखंड का औचक निरीक्षण, मिली ये अनियमितताएं

झारखंड
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  • विभिन्न योजनाओं सहित विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यप्रणाली का लिया जायजा

विश्वजीत कुमार रंजन

गढ़वा। उपायुक्त दिनेश यादव ने मेराल प्रखंड का क्षेत्र का भ्रमण 11 अक्‍टूबा को किया। इस दौरान उन्होंने मेराल प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय, पढूवा पंचायत भवन, विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं, आंगनबाड़ी केंद्रों और विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया।

उपायुक्त ने पढूवा पंचायत भवन में ग्रामीणों से संवाद कर उनकी समस्या एवं योजनाओं की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

को-ऑर्डिनेटर एवं जेई से स्पष्टीकरण

निरीक्षण के दौरान 15वें वित्त आयोग की योजनाओं के कार्य में लापरवाही एवं असंतोषजनक स्थिति पाई गई। उपायुक्त ने पाया कि योजना स्थल पर कार्य की गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं है। प्रखंड समन्वयक एवं कनिय अभियंता सही जानकारी देने में असमर्थ रहे।

इस पर उपायुक्त ने कड़ी नाराजगी जताते हुए दोनों को फटकार लगाई। मेराल प्रखंड के 15वें वित्त के को-ऑर्डिनेटर रश्मि लकड़ा एवं कनिय अभियंता आनंद कृष्ण से स्पष्टीकरण मांगा। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि स्पष्टीकरण के आधार पर आगे की प्रशासनिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति खराब

आंगनबाड़ी केंद्र पढ़ूआ के निरीक्षण के दौरान सेविका एवं सहायिका उपस्थित पाई गईं, किंतु मात्र 5 बच्चे ही थे। इससे स्पष्ट हुआ कि केंद्र नियमित रूप से संचालित नहीं हो रहा है। पूछताछ के दौरान सेविका शर्मीला देवी संतोषजनक उत्तर नहीं दे सकीं।

केंद्र की स्थिति देखकर उपायुक्त ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा एवं पोषण का आधार है। इनकी अनदेखी किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होगी। उन्होंने सेविका शर्मीला देवी एवं सहायिका विमली देवी से स्पष्टीकरण मांगा है।

पढुवा में शिक्षकों पर प्रश्नचिह्न

निरीक्षण के क्रम में उत्क्रमित मध्य विद्यालय, सहबरिया में पठन-पाठन की स्थिति संतोषजनक पाई गई। छात्रों की उपस्थिति अच्छी थी। मध्यान्ह भोजन मेनू के अनुसार खिचड़ी तैयार हो रही थी। सभी छात्र यूनिफॉर्म और सभी शिक्षक उपस्थित थे। राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय, पढुवा में जांच के दौरान सभी शिक्षक तो उपस्थित पाए गए।

विद्यालय प्रबंधन समिति एवं ग्रामीणों ने बताया कि जो शिक्षक गढ़वा से आते हैं, वे पूरे दिन विद्यालय में रहते हैं, जबकि स्थानीय पारा शिक्षक केवल उपस्थिति दर्ज कर अपने निजी कार्यों में चले जाते हैं। शाम में पुनः विद्यालय में आकर उपस्थिति दर्ज करते हैं। उपायुक्त ने इस पर गंभीर रुख अपनाते हुए संबंधित अधिकारियों को इसकी सत्यापन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

जाकर देखी कार्य की गुणवत्ता

क्षेत्र भ्रमण के दौरान उपायुक्त ने मनरेगा के तहत चल रही मेढ़बंदी योजना का भी स्थलीय निरीक्षण किया। वे धान से भरे खेतों के बीच पगडंडी पर पैदल चलकर कार्य स्थल तक पहुंचे। वहां किए जा रहे कार्य की गुणवत्ता की बारीकी से जांच की। उन्होंने कार्यरत मजदूरों से भी बातचीत की। समय पर मजदूरी भुगतान एवं कार्य की निगरानी से संबंधित जानकारी प्राप्त की। उपायुक्त ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि मनरेगा योजनाओं में पारदर्शिता और गुणवत्ता सर्वोपरि है। किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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