राज्‍यपाल का निर्देश, भविष्‍य में नहीं हो घंटी आधारित शिक्षकों की नियुक्ति

झारखंड शिक्षा
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  • स्टैच्यूट निर्माण की समीक्षा करते हुए नाराजगी प्रकट की
  • विवि की समस्याओं के निदान के प्रयास की समीक्षा की

रांची। राज्यपाल-सह-झारखंड के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति रमेश बैस ने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विकास के लिए कार्यप्रणाली में गति लाने की नितांत आवश्यकता है। कार्य में शिथिलता शिक्षा जगत और राज्य के विकास में बाधक है। राज्यपाल ने वर्ष 2010 एवं 2018 के स्टैच्यूट निर्माण की समीक्षा करते हुए नाराजगी प्रकट की। उन्‍होंने कहा कि अब तक स्टैच्यूट का निर्माण नहीं होने से विश्वविद्यालय के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया काफी लम्बे समय से बाधित है। राज्यपाल 4 नवंबर को राजभवन में विश्वविद्यालयों की विभिन्न समस्याओं के निदान के लिए किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा कर रहे थे।

राज्यपाल ने कहा कि विभिन्न श्रेणी के दिव्यांगों को 4 प्रतिशत का आरक्षण सुनिश्चित किया जाय। उक्त अवसर पर राज्यपाल को उच्च एवं तकनीकी शिक्षा सचिव राहुल पुरवार ने अवगत कराया कि पूर्व के प्रावधान के अनुसार प्राय: एक ही श्रेणी के दिव्यांग को लाभ मिलने की संभावना बनी रहती थी, जिसे दूर करने की दिशा में कार्रवाई की जा रही है। दिव्यांग की उल्लेखित श्रेणी में किसी एक श्रेणी का अभ्यर्थी उपलब्ध नहीं होने पर अन्य श्रेणियों के अभ्यर्थियों की नियुक्ति करने पर चर्चा हुई, ताकि पद रिक्त नहीं रहे।

राज्यपाल ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में विभिन्न विषयों में विद्यार्थियों के अनुपात में शिक्षकों की उपलब्धता हो, ताकि शिक्षकों को अधिक-से-अधिक शिक्षण का अवसर प्राप्त होगा। इस अवसर पर घंटी आधारित शिक्षकों के प्रति घंटी मानदेय में वृद्धि के संदर्भ में चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि घंटी आधारित शिक्षकों की नियुक्ति भविष्य में नहीं की जाय। राज्यपाल ने कहा कि झारखंड लोक सेवा आयोग दिव्यांगों के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाने के बारे में सोचे, जिससे कि उनकी बैकलॉग पदों पर नियुक्ति हो सके।

इस अवसर पर उन्‍होंने झारखंड प्राद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया की भी जानकारी प्राप्त की।

राज्यपाल ने कहा कि राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में ज्ञान-विज्ञान का ऐसा बेहतर माहौल बने, जिससे अधिक से अधिक विद्यार्थी यहां उच्च शिक्षा ग्रहण करने के प्रति रुचि लें।

बैठक में झारखंड लोक सेवा आयोग की अध्यक्ष डॉ मेरी नीलिमा केरकेट्टा, राज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ नितिन कुलकर्णी, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा सचिव राहुल कुमार पुरवार, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा निदेशक सूरज कुमार समेत विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।